Uttarakhand – तीनों कृषि बिलों के रद्द होने के बावजूद भी आंदोलन कर रहे है किसान, जाने क्यों?

कल देर रात श्री गुरु मान्यो ग्रंथ समागम में शिरकत करने पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत का ग्राम केशवाल स्थित युवा किसान नेता विक्की रंधावा के घर पर स्थानीय किसानों ने स्वागत किया|


इस दौरान किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार से बातचीत के लिए 5 सदस्य कमेटी बनाई गई है, सरकार को जो बात करनी है कमेटी से करें|

टिकैत ने कहा कि सरकार बातचीत नहीं करना चाहती वह किसानों को वैसे ही बॉर्डर से घर भेजना चाहती है| टिकैत ने सरकार को चेताते हुए कहा कि हम इतने महीनों से यहां बैठे हैं और अब खाली हाथ घर नहीं जाएंगे| करीब 700 किसानों की आंदोलन करते-करते मौत हो चुकी है| हम उनकी शहादत बेकार नहीं जाने देंगे|

सरकार के सामने अभी तमाम ऐसे मामले हैं जिनका हल होना अभी तक बाकी है| इन मामलों में किसानों पर लगे मुकदमे वापस लेने हैं, किसानों के ट्रैक्टर बंद है, कंपनसेशन, एमएसपी व अजय टेनी आदि को सजा दिलानी है| उन्होंने कहा जब तक सभी मुद्दे हल नहीं होती तब तक किसान बॉर्डर पर डटे रहेंगे, फिर चाहे सरकार कुछ भी कर ले| अब जो भी बताना है वह सरकार को बताना है, हमारा आंदोलन जारी रहेगा और कल फिर आंदोलन की नई रूपरेखा तैयार की जाएगी|