पढ़िए नंदकिशोर जोशी की स्वरचित कविता कुर्मांचल अखबार के साथ

क्यों……

क्यों भूला उस आँचल को
जिसमें तू पला बढ़ा है
जिसकी छाया में रहा है
उसी पर दाग लगा रहा है I
क्यों भूला उस आँचल को
जिसने तुझे लोरी सुनाई
सुख सपनों में तुझे सुलाया
आज उसे ही तू रूलाया I
जिसने तुझे चलना सिखाया
उसी को तू क्यूँ तोड़ रहा है
जिसने तेरे पाँव के कांटे चुने
उसी के पग पर कांटे बोये तूने I
जिस अंक में तू सोया था
उसी को क्यूँ उजाड़ रहा है
वशीभूत हो निज काम के
मानवता को क्यूँ रौंद रहा है I
भूल गया क्यों उस नारी को
जिसने तुझे जनम दिया
नहीं मर्यादा का भी भान रहा
कलंक की चादर क्यों ओढ़ रहा I
कब तक तू अटकेगा भटकेगा
कर इज्जत तू नर नारी की
अब तो सही राह तू चल ले
कब तक अधम राह तू भटकेगा I

नन्द किशोर जोशी
ग्राम : पाटली वाया : गरुड़ बैजनाथ
जिला : बागेश्वर उत्तराखण्ड