बागेश्वर:- भूस्खलन एवं अग्निकांड पर आपदा प्रतिक्रिया का सफल मॉक अभ्यास…..प्रशासन ने परखी तैयारियों की चुस्ती

बागेश्वर – आपदा प्रबंधन की तैयारियों को परखने के उद्देश्य से जिलाधिकारी आशीष भटगई के निर्देशानुसार, जिला प्रशासन एवं आईआरएस टीम द्वारा भूस्खलन और अग्निकांड जैसी आपदा स्थितियों से निपटने हेतु एक व्यापक मॉक अभ्यास आयोजित किया गया। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य खोज एवं बचाव कार्यों के साथ-साथ विभिन्न आपातकालीन प्रतिक्रिया एजेंसियों के रिस्पॉन्स टाइम की जांच करना था।


मॉक ड्रिल की शुरुआत बीडी पांडे परिसर में भूस्खलन से भवन के क्षतिग्रस्त होने एवं शॉर्ट सर्किट से आग लगने की एक काल्पनिक स्थिति की सूचना के साथ हुई। बृहस्पतिवार अपराह्न चार बजे जिला आपदा कंट्रोल रूम को यह सूचना प्राप्त हुई। सूचना मिलते ही जिलाधिकारी आशीष भटगांई तत्काल कंट्रोल रूम पहुंचे, स्थिति का जायजा लिया और आईआरएस टीम को सक्रिय किया। उन्होंने इंसीडेंट कमांडर और उनकी टीम को स्टेजिंग एरिया से घटनास्थल के लिए रवाना होने के निर्देश दिए।


इस मॉक अभ्यास को सुनियोजित रूप से दो चरणों में संपन्न किया गया। पहले चरण में जिला प्रशासन के अधिकारियों, पुलिस, फायर ब्रिगेड, लोनिवि, स्वास्थ्य, सूचना, पूर्ति सहित विभिन्न विभागों के साथ मिलकर अभ्यास की विस्तृत रूपरेखा तैयार की गई। दूसरे चरण में वास्तविक मॉक अभ्यास का आयोजन किया गया, जिसमें बीडी पांडे परिसर के भवन को भूस्खलन से क्षतिग्रस्त और शॉर्ट सर्किट से लगी आग का दृश्य दर्शाया गया।
मॉक ड्रिल के दौरान काल्पनिक रूप से 5 लोग गंभीर रूप से घायल, 2 मृतक तथा 5 को हल्की चोटें आने की सूचना प्राप्त हुई। इसके अतिरिक्त शॉर्ट सर्किट से एक व्यक्ति के हल्का व एक व्यक्ति के गंभीर रूप से झुलसने की सूचना मिली। खोज एवं बचाव टीमों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी प्रभावितों को सुरक्षित बाहर निकाला। मामूली रूप से घायल व्यक्तियों को मेडिकल टीम ने घटनास्थल पर ही प्राथमिक उपचार दिया, जबकि गंभीर रूप से घायल पांच व्यक्तियों को बेहतर उपचार हेतु जिला अस्पताल भेजा गया। भूस्खलन के कारण अवरुद्ध मार्ग को जेसीबी मशीन की सहायता से तत्काल खोलकर यातायात बहाल किया गया।
घटना की सूचना मिलते ही जिला आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम में जिलाधिकारी/अध्यक्ष डीडीएमए, पुलिस अधीक्षक/डिप्टी आरओ, अपर जिलाधिकारी/मुख्य कार्यकारी अधिकारी/इंसीडेंट कमांडर/मुख्य विकास अधिकारी/लॉजिस्टिक्स एवं फाइनेंस चीफ तथा आईआरएस में नामित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी तुरंत उपस्थित हुए। जिलाधिकारी के निर्देश पर आईआरएस को सक्रिय किया गया और सभी एजेंसियों ने आपसी तालमेल एवं समन्वय से राहत एवं बचाव कार्य को सफलतापूर्वक संपन्न किया।
मॉक ड्रिल की समाप्ति के बाद कंट्रोल रूम में जिलाधिकारी द्वारा आईआरएस अधिकारियों, एसडीआरएफ, पुलिस बल, फायर, रेड क्रॉस के साथ ब्रीफिंग की गई। जिलाधिकारी ने कहा कि यह मॉक ड्रिल पूर्ण रूप से सफल रही, जिसमें सभी टीमों ने आपसी समन्वय के साथ रिस्पॉन्स टाइम को न्यूनतम रखते हुए राहत एवं बचाव कार्य किया। उन्होंने कहा कि ऐसे अभ्यासों का उद्देश्य किसी भी वास्तविक आपदा या आपातकालीन स्थिति में घायल व्यक्तियों के जीवन की रक्षा करना और जान-माल की क्षति को न्यूनतम करना है।
उन्होंने यह भी कहा कि इन अभ्यासों से त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित होती है और समय-समय पर सभी संबंधित एजेंसियों के रिस्पॉन्स टाइम की प्रभावी जांच भी हो जाती है, जिससे भविष्य में किसी भी आपदा से निपटने हेतु प्रशासन और टीमें हर समय तैयार रहें। उन्होंने आईआरएस टीम को अपने दायित्वों एवं जिम्मेदारियों को भलीभांति समझते हुए भविष्य में किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा। साथ ही मॉक ड्रिल को और अधिक प्रभावी बनाने हेतु कई महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए।
मॉक ड्रिल के दौरान पुलिस अधीक्षक चंद्रशेखर आर. घोडके, प्रभागीय वनाधिकारी ध्रुव सिंह मर्तोलिया, अपर जिलाधिकारी एन.एस. नबियाल, मुख्य विकास अधिकारी आर.सी. तिवारी, सीएमओ डॉ. कुमार आदित्य तिवारी, जिला विकास अधिकारी संगीता आर्या, पुलिस उपाधीक्षक अजय शाह, मुख्य शिक्षा अधिकारी जी.एस. सौन, उपजिलाधिकारी मोनिका, अनिल सिंह रावत, जितेंद्र वर्मा, आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल सहित एसडीआरएफ, फायर, पुलिस बल, रेड क्रॉस के सदस्य, एनसीसी कैडेट्स एवं अन्य टीमें उपस्थित रहीं ।