
बीते गुरुवार 20 जनवरी 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने हिन्दू महिलाओं के संपत्ति में उत्तराधिकार को लेकर एक अहम फैसला लिया है। कोर्ट का कहना है कि एक हिंदू महिला उसकी पिता की संपत्ति में उतनी ही उत्तराधिकारी होगी जितने उसके अन्य भाई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि कोई पुरुष बिना वसीयत के मरता है तो उसके द्वारा अर्जित की हुई संपत्ति में उसकी बेटी का भी उतना ही हक होगा जितना उनके बेटे का।
उसके बाद सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि यदि कोई महिला संतानहीन मरती है तो उसकी संपत्ति उसी मूल स्रोत को वापस चली जाएगी जहां से उसे मिली थी। जैसे यदि किसी हिंदू महिला को उसके पिता या ससुर से उत्तराधिकार में कोई संपत्ति मिली हो और उसकी कोई संतान ना हो तो उसके मरने के पश्चात वह संपत्ति उसके पिता या ससुर के उत्तराधिकारी के पास चली जाएगी। और यदि महिला का पति या संतान जीवित है तो महिला द्वारा उत्तराधिकार में प्राप्त संपत्ति महिला के बच्चों और पति के पास जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट में यह फैसला जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस कृष्ण मुरारी की पीठ ने मद्रास हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दाखिल अपील का निपटारा करते हुए सुनाया। इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि पुरुष द्वारा स्वअर्जित संपत्ति की उसकी बेटी भी उतनी ही उत्तराधिकारी है जितना कि बेटा।
