
नई दिल्ली| राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) उत्तराखंड समेत हिमाचल के अन्य ऊचें इलाकों में विशेष पर्वतारोहण टीमों को स्थायी रूप से तैनात करने पर विचार कर रहा है, जिससे भूस्खलन, हिमस्खलन और हिमनद झील के फटने, बाढ़ आने के दौरान तेजी से बचाओ अभियान चलाने के लिए तैयारी और अभ्यस्त हो सकें|
बताते चलें कि एनडीआरएफ, आईटीबीपी जैसे विभिन्न केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की सीमा चौकियों पर 4-5 पर्वतारोहण प्रशिक्षित कर्मियों की कई छोटी टीमों को रखने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है|
महानिदेशक एनडीआरएफ के अनुसार, बल पहाड़ों में आपदाओं से निपटने के लिए कई कदम उठा रहा है, क्योंकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं के होने का गंभीर खतरा है| उन्होंने बल की स्थापना के 18 साल पूरे होने के मौके पर 19 जनवरी को एक कार्यक्रम में यह कहा था कि इस आपदा से निपटने के लिए बल सक्रिय भूमिका निभाएगा और इसकी 3 टीम 6 फरवरी से आपदा प्रशिक्षण शुरू करेंगी|
एनडीआरएफ की विशेष पर्वतीय बचाओ प्रशिक्षित टीमों को तीन चार महीने के लिए उच्च ऊंचाई (10,000 फीट से ऊपर) पर सीएपीएफ की चौकियों पर तैनात किया जाएगा| हर टीम में चार से पांच कर्मी होंगे| यह टीमें आपदा में त्वरित बचाओ अभियान शुरू करने में मदद करेंगी| हाल ही में एनडीआरएफ ने विशेषज्ञ पर्वतारोहण संस्थानों से लगभग 125 कर्मियों को प्रशिक्षित किया है|
