
देहरादून| राज्य में पैरामेडिकल कॉलेजों में मनमानी रोकने के लिए और शिक्षा की गुणवत्ता सुधार के लिए स्टेट एलाइड एंड हेल्थ केयर काउंसलिंग बनेगी| नेशनल कमीशन फॉर एलाइड एंड हेल्थ केयर एक्ट के तहत बनने वाली काउंसिल के लिए चेयरमैन और 4 सदस्यों के पदों के लिए आवेदन मांगे गए हैं| चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ आशीष कुमार श्रीवास्तव की ओर से इस संबंध में विज्ञप्ति जारी हुई है| इसके तहत कॉलेज खोलने के नियम और फीस पर शक्ति होगी| काउंसिल बनने के बाद पैरा मेडिकल कॉलेजों को खोलने के लिए नियम अस्पताल बनाने, फीस आदि को सख्त किया जाएगा| काउंसिल नेशनल कमिशन फॉर एलाइड एंड हेल्थ केयर की तरह ही स्टेट की रेगुलेरिटी बॉडी होगी और केंद्र से बनने वाले नियम कायदे कानूनों को यहां पर लागू कराने की जिम्मेदारी होगी| इससे गुणवत्ता में सुधार होने के साथ-साथ छात्रों के पंजीकरण लाइसेंस में दिक्कत नहीं होगी|
इससे निम्न फायदे होंगे -:
अलाइड एंड हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स में पैथोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, रेडियोलॉजी रेडियोथैरेपी, डायलिसिस ऑपरेशन थिएटर, फिजियो थेरेपी आदि 56 कैटेगरी आती है, उनके प्रोफेशनल एजुकेशन स्टैंडर्ड में सुधार होगा| डॉक्टरों की तरह अलाइड एंड हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स का पंजीकरण एवं लाइसेंसिंग शुरू होगी| प्रैक्टिस और क्वालिटी ऑफ़ सर्विस सुधरेंगे|
