
उत्तराखंड सरकार ने विभागों और आउटसोर्स से माध्यम से संविदा, तदर्थ और नियत वेतन पर तैनात महिला और एकल पुरुष (अविवाहित, विधुर, तलाकशुदा) कर्मचारियों को 15 दिन की बाल्य देखभाल और 120 दिनों की सीमा में बाल दत्तक ग्रहण अवकाश की सौगात दी है और ऐसे सभी एकल पुरुष कर्मचारियों को 15 दिन का पितृत्व अवकाश मिलेगा, जिनके दो से कम जीवित बच्चे हैं|
दरअसल, पिछले दिनों प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिए गए थे| अब सचिव वित्त दिलीप जावलकर ने संबंध में आदेश जारी किए हैं|
वित्त विभाग के मुताबिक, सरकार के इस निर्णय से 40-45 हजार कर्मचारियों को फायदा मिलेगा| राज्य सरकार की नियमित महिलाओं और एकल पुरुष कर्मचारीयों को यह छुट्टियां पहले से मिल रही है| अस्थाई कर्मचारियों को पहली बार यह अवकाश दिए गए हैं|
पितृत्व अवकाश ऐसे एकल पुरुष कर्मचारी जिसके दो से कम जीवित बच्चे हों, उसकी पत्नी के प्रसव काल के दौरान बच्चा पैदा होने की संभावित तिथि से 15 दिन पूर्व या बच्चे पैदा होने के 6 माह तक 15 दिन का पितृत्व अवकाश मिलेगा| यह किसी अन्य अवकाश के साथ लिया जा सकेगा| सामान्यतः इस अवकाश को किसी भी दशा में अस्वीकृत नहीं किया जा सकेगा|
वही बाल्य देखभाल अवकाश ऐसी महिला कर्मचारी और एकल पुरुष कर्मचारी को विशिष्ट परिस्थितियों जैसे संतान की बीमारी अथवा परीक्षा के समय 18 वर्ष की आयु तक देखभाल के लिए एक कैलेंडर वर्ष में अधिकतम 15 दिन का अवकाश मिलेगा| एक बार में पांच दिनों से कम का अवकाश मंजूर नहीं होगा| एक कैलेंडर वर्ष में अधिकतम तीन बार मिलेगा|
वहीं, बाल दत्तक देखभाल अवकाश ऐसी महिला और एकल पुरुष कर्मचारी, जो कम से कम 3 वर्ष से विभाग में तैनात है और जिन्होंने एक वर्ष की आयु तक का शिशु गोद लिया हो, उनको गोद लेने के समय अधिकतम 120 दिन का अवकाश मिलेगा|
