
उत्तराखंड राज्य के हरिद्वार में बाबा रामदेव द्वारा 10 दिवसीय संन्यास दीक्षा महोत्सव के छठे दिन कहा गया कि उन्हें गर्व है कि पतंजलि के सन्यासी आज अलग-अलग सेवा प्रकल्प का नेतृत्व कर रहे हैं और लोग पतंजलि से प्रेरणा लेकर सन्यास मार्ग पर चलकर राष्ट्र सेवा में अपनी आहुति देने को तैयार है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ऋषि और ऋषिकाओ का वंश बढ़ाने के लिए अपने ऋषियों के उत्तराधिकारी प्रतिनिधि बनने के लिए योग धर्म, वेद धर्म, सनातन धर्म, सन्यास धर्म को राष्ट्रीय धर्म, युग धर्म और विश्व धर्म के रूप में प्रतिष्ठित करने के लिए लोग स्वयं को गौरवान्वित अनुभव कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब पूरे विश्व में ईर्ष्या, द्वेष, आतंकवाद, धार्मिक उन्माद इन सब से बचने के लिए कोई अन्य मार्ग नहीं होगा तो लोग अंततः योग ,आयुर्वेद, अध्यात्म और पतंजलि की शरण में आएंगे।
इसी दौरान आचार्य
बालकृष्ण का कहना था कि पतंजलि और योग गुरु के रूप में एक सन्यासी का दिव्य संकल्प और गौरव देखकर आमजन में पतंजलि योग गुरु और संन्यास के प्रति आस्था बढ़ रही है।
इसी समारोह में भारतीय शिक्षा बोर्ड के कार्यकारी अध्यक्ष एनपी सिंह का कहना था कि विश्व के सारे धर्म, दर्शन, विज्ञान और साहित्य हमारे सनातन धर्म तथा शाश्वत मूल्यों के समुच्चय की बैसाखी पर खड़ा है और सन्यास धर्म कई विकारों से मुक्त करने का सशक्त माध्यम है तथा इस विज्ञान के सिद्धांत का बोध जिस दिन हो जाएगा उस दिन हमें आत्म दर्शन हो जाएगा।
