
वर्तमान समय में उत्तराखंड राज्य में कई बार ऐसे मामले देखने को मिल रहे हैं जहां अपने ही अपनी जान के दुश्मन होते हैं। बता दें कि राज्य के काशीपुर से एक ऐसा मामला सामने आ रहा है जहां पर साक्ष्य के अभाव में सगी बहन के हत्यारोपी को न्यायालय ने दोषमुक्त करार दे दिया है। जी हां काशीपुर द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनोद कुमार ने साक्ष्य के अभाव के चलते हत्यारोपी को दोषमुक्त करार दे दिया है। आरोपित राजवीर निवासी नवलपुर पर साल 2019 में धारा 302 व 201 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। यह मुकदमा वादी के द्वारा दर्ज करवाया गया था। पूछताछ के दौरान वादी के भाई राजवीर ने बयान दिया कि उसकी बहन किसी पड़ोसी से बातचीत करते थे और मना करने के बाद भी वह नहीं मानी जिसके बाद उसे गुस्सा आ गया और उसने अपनी बहन का गला घोटकर उसकी हत्या कर दी तथा डीजल डालकर उसे जला दिया। इस मामले की जांच निरीक्षक राजेश कुमार को सौंपी गई और 14 गवाहों को द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायालय में पेश भी किया गया। जिसमें वादी कुलदीप सिंह, विजय कुमार, साबिर हुसैन, उप निरीक्षक विजेंद्र कुमार समेत अन्य लोग शामिल रहे। इसके साथ ही अन्य दस्तावेज साक्ष्य भी विवेचक द्वारा प्रस्तुत किए गए। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता का कहना था कि राजवीर का अपराध काफी गंभीर प्रकृति का है और उसे कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए और वही बचाव पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार मिश्रा ने तर्क देते हुए कहा कि अभियोजन द्वारा दिए गए साक्ष्यों के बयानों में परस्पर विरोधाभास है। विवेचक ने जिन वस्तुओं को बरामद करवाया है उन्हें जांच के लिए प्रयोगशाला नहीं भेजा गया। इन दोनों को सुनने के बाद साक्ष्यों के अभाव में अभियुक्त राजवीर को कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया है।
