
देहरादून| संगठित क्षेत्र में महिलाएं अब रात्रि की पाली में भी काम कर सकेंगी| श्रम विभाग के इस प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है|
प्रदेश के संगठित क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी इस वक्त 7% है, जबकि असंगठित क्षेत्र में यह आंकड़ा 55% है|
माना जा रहा है कि इसके पीछे मुख्य वजह संगठित क्षेत्रों में महिलाओं को रात्रि पाली में काम करने पर रोक थी| अब सरकार ने महिलाओं को रात्रि पाली में काम करने की छूट दे दी है| हालांकि यह झूठ कुछ प्रतिबंधों के साथ लागू होगी| इसके तहत किसी भी संस्थान में रात्रि पाली में कम से कम 3 महिलाएं होनी जरूरी होगी, संस्थान को कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न रोकने के लिए समिति गठित करनी होगी, एकल महिला से रात्रि पाली में काम नहीं कराया जा सकेगा| महिलाओं के लिए अलग से विश्राम कक्ष बनाने होंगे, अगर महिला के साथ बच्चा है तो उसके लिए अलग से शिशु कक्ष भी बनाना होगा, महिला शौचालय की व्यवस्था जरूरी होगी, छोटे अपराधों पर अब 3 महीने जेल की सजा का प्रावधान खत्म कर दिया गया है, जुर्माने को 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपए कर दिया गया है|
सचिव श्रम विभाग आर मीनाक्षी सुंदरम ने कहा संगठित क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए सरकार ने कुछ प्रतिबंधों के साथ महिलाओं के लिए रात्रि शिफ्ट में काम शुरू करने की छूट दे दी है|
