उत्तराखंड राज्य में हाईकोर्ट द्वारा निर्देश दिए गए हैं कि जमानती बांड भरने में असमर्थ कैदियों के लिए वकील नियुक्त किए जाएं। हाई कोर्ट ने राज्य के जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों को जारी निर्देश में कहा है कि जमानत पर रिहा होने के लिए व्यक्तिगत बॉन्ड प्रस्तुत करने में असमर्थता के कारण जेल में बंद विचाराधीन कैदियों के लिए वकील की नियुक्ति की जाए और बीते 10 अप्रैल को प्राधिकरण को निर्देश देते हुए कहा कि उन विचाराधीन कैदियों की हिरासत के संबंध में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करें जिन्हें जमानत बॉन्ड न भरने के कारण रिहा नहीं किया गया। रिपोर्ट में यह पता चला कि ऐसे 27 विचाराधीन कैदियों को जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता है क्योंकि उन्होंने जमानती बांड नहीं भरे थे। मामले का स्वत संज्ञान चीफ जस्टिस रितु बाहरी और जस्टिस राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने लिया और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को आवश्यक निर्देश भी दिए हैं।
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