उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में अब महज 40 से 45 दिनों का समय ही शेष है ऐसे में देश भर के प्रमुख न्यूज़ एजेंसी या उत्तराखंड की जनता के मूड को भापने में जुटे हुए हैं, लेकिन उत्तराखंड को लेकर देशभर के प्रसिद्ध न्यूज़ चैनलों द्वारा किए गए सर्वे में कहीं ना कहीं एक संकेत यही मिल रहा है कि चुनाव आते-आते कहीं फिर से खंडित जनादेश वाली सरकार उत्तराखंड में बने,
प्रसिद्ध न्यूज़ एजेंसी एबीपी सी वोटर के सर्वे के मुताबिक उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी को 41 फ़ीसदी वोट मिलने का अनुमान है, जबकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को 36 फ़ीसदी वोट मिलने का अनुमान है वहीं आम आदमी पार्टी भी उत्तराखंड में 12 फ़ीसदी वोट बटोर थी नजर आ रही है जबकि अन्य पार्टियों और निर्दलीयों को 11 फ़ीसदी वोट मिलने का अनुमान जताया जा रहा है,
वही सीटों का गणित देखे तो सर्वे में भारतीय जनता पार्टी 36 से 40 सीटों के बीच राज्य में सरकार बना दी नजर आ रही है जो भाजपा के लिए संतोषजनक विषय है मगर सत्ता में वापसी का दम भर रही कांग्रेस को केवल 30 से 34 सीटें मिलती दिख रही है वह आम आदमी पार्टी के खाते में जीरो से 2 सीट जबकि अन्य के खाते में 0 सीटों का अनुमान है।
हालांकि एबीपी c-voter का यह सर्वे 3 सप्ताह पहले का है, अभी चुनावी आचार संहिता लगने में 1 माह का समय शेष है ऐसे में सारी
पार्टियां अपनी अपनी ओर से पूरी ताकत झोकेंगे प्रत्याशियों की घोषणा होगी प्रचार होगा उसके बाद मतदान होगा इसीलिए अभी से कुछ अनुमान लगाना अतिशयोक्ति होगी। परंतु सर्वे के नतीजों का अगर गहनता से विश्लेषण करें और आने वाले समय में दोनों पार्टियों की ओर से होने वाली रैलियां सभाएं प्रचार-प्रसार पर भी नजर डालें तो संभावनाएं यही लग रही है कि उत्तराखंड एक बार फिर खंडित जनादेश की ओर बढ़ रहा है।
आपको बता दें उत्तराखंड में पहले विधानसभा चुनाव 2002 में हुए थे जिसमें कांग्रेस को 26 फ़ीसदी वोटों के साथ 36 सीटें मिली थी अर्थात पूर्ण बहुमत जबकि दूसरे विधानसभा चुनाव 2007 में हुए जिनमें भारतीय जनता पार्टी 31 फ़ीसदी वोटों के साथ 35 सीटें जीतने में सफल हुई अर्थात पूर्ण बहुमत भारतीय जनता पार्टी को नहीं मिल पाया हालांकि भारतीय जनता पार्टी ने भुवन चंद्र खंडूरी और रमेश पोखरियाल निशंक तथा भगत सिंह कोश्यारी के नेतृत्व में 5 साल सरकार चलाई, जिसके बाद राज्य में तीसरे विधानसभा चुनाव 2012 में हुए जिनमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को 33 फ़ीसदी वोटों के साथ 32 सीटें मिली अर्थात कांग्रेस को भी पूर्ण बहुमत नहीं मिल पाया हालांकि कांग्रेस ने भी विजय बहुगुणा और हरीश रावत के नेतृत्व में 5 साल सरकार चलाई जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी की 2017 में प्रचंड बहुमत की सरकार बनी जिसमें भारतीय जनता पार्टी को 57 सीटों पर जीत मिली जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सिंह रावत तीरथ सिंह रावत और फिर मौजूदा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सरकार चला रही है।
जहां एक और कांग्रेस महज 30 से 34 सीटों तक सिमटती नजर आ रही है लेकिन प्रदेश में मुख्यमंत्री के तौर पर अब भी पहली पसंद हरीश रावत ही है मुख्यमंत्री के तौर पर हरीश रावत को 31 फ़ीसदी लोग पसंद करते हैं जबकि मौजूदा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस मामले में दूसरे स्थान पर उन्हें 28 फ़ीसदी लोगों का समर्थन हासिल है वही अनिल बलूनी तथा कर्नल कोठियाल को क्रमशः 18 एवं 9 फ़ीसदी लोग मुख्यमंत्री के तौर पर पसंद करते हैं जबकि सतपाल महाराज को 2 फ़ीसदी तथा अन्य को 12 फ़ीसदी लोग मुख्यमंत्री के तौर पर देखना चाहते हैं।