अल्मोड़ा मुख्यालय से लगभग 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पाटिया ग्राम मैं खेली जाने वाली ऐतिहासिक बग्वाल हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी जोश उत्साह हर्ष उल्लास के साथ खेली गई, बग्वाल में भेटुलि नदी के आसपास बसे 4 ख़ामो ने हिस्सा लिया, जिसमें पाटिया, कसून, भेटूलि, कोत्युडा शामिल थे।
बग्वाल लगभग 4:00 बजे शुरू हुई और 4:25 पर कोटडा खाम की विजय के साथ बग्वाल का समापन हुआ, विगत 50 वर्षों से खुद इस रोमांच का हिस्सा बन रहे बुजुर्गों ने बताया कि यह रस्म अदायगी बेहद लंबे समय से (अनुमानित 100 वर्ष) चली आ रही है, यह प्रथा क्यों शुरू हुई इसका तो कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं है परंतु कई दंत कथाएं प्रचलित हैं, बुजुर्गों ने कहा कि इस प्रथा को संवर्धित करने की बेहद आवश्यकता है क्योंकि उन्होंने इसे अपनी युवावस्था में बेहद भव्य रूप में आयोजित होते हुए देखा है, वर्तमान में सिमटता जा रहा है इसका स्वरूप बेहद चिंताजनक है।
इस दौरान ग्राम प्रधान:- पाटिया हेमंत कुमार, भटगांव:- हरीश भट्ट, कसून:- सुंदर मटियानी, पूर्व ग्राम प्रधान महेश कांडपाल, हिमांशु लटवाल, पूरन पांडे, अशोक बिष्ट, कैलाश बिष्ट, पारस काण्डपाल आदि युवाओं ने हिस्सा लिया।