आसमान में उड़ते फाइटर जेट, बमो की बरसात……. जानिए उत्तराखंड की बेटी ने कैसे व्यक्ति की अपनी आपबीती

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के दौरान यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों के लिए वहां एक-एक पल बिताना किसी मौत के मुंह में जाने से कम नहीं है
तथा इसी बीच यूक्रेन से सुरक्षित अपने घर वापस आई देहरादून की शिप्रा चौहान ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि वे यूक्रेन में टेर्नोपिन नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है। तथा उन्होंने बताया कि वहां पर बिगड़ते हालातों के कारण उन्हें घर आना पड़ा तथा यूक्रेन से घर तक का सफर उनके लिए कभी ना भुलाना जैसा है। उन्होंने बताया कि उन्हें 23 फरवरी को टेर्नोपिन शहर से यूक्रेन की राजधानी कीव लाया गया तथा वहां उन्हें भारतीय दूतावास में अन्य भारतीय छात्रों के साथ रखा गया। जिसके बाद उन्हें लवीव शहर ट्रेन के माध्यम से जाना था मगर दूतावास से जैसे ही स्टेशन के लिए निकले आसमान पर जेट फाइटर मंडरा रहे थे तथा वे लगातार नीचे बमों की बरसात कर रहे थे। उन्होंने बताया कि उनके लिए वहां बिताया हर एक पल मौत के मुंह में जाने से कम नहीं था। उनके पास खाने पीने का सामान खत्म हो चुका था तथा इस बीच उनके पास घर वापस आने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा। साथ में उन्होंने यह भी बताया कि रेलवे स्टेशन पर भी उन्हें यूक्रेन के लोगों द्वारा ट्रेन में नहीं जाने दिया गया मगर जैसे तैसे करके उन्होंने ट्रेन से पोलैंड बॉर्डर के समीप तक अपना सफर तय किया और उसके बाद जैसे ही वे पोलैंड बॉर्डर पहुंचे तब उन्हें राहत की सांस मिली। जिसके बाद वे भारतीय विमान द्वारा दिल्ली पहुंची और दिल्ली में उनका भव्य स्वागत भी किया गया। साथ में शिप्रा चौहान ने भारत सरकार को उनके सुरक्षित घर वापसी को लेकर धन्यवाद भी कहा है।