
उत्तराखंड की लोक संस्कृति के लिए यह काफी गौरवान्वित करने वाला विषय है कि अब प्रदेश में हमारी संस्कृति को बढ़ावा मिल रहा है। अब उत्तराखंड के प्राथमिक विद्यालयों में कुमाऊनी व गढ़वाली भाषा में विद्यार्थियों को शिक्षा दी जाएगी। दरअसल शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने बताया है कि कैबिनेट में बिजली बिलों पर लगने वाला सर चार्ज 31 दिसंबर 2022 तक के लिए माफ कर दिया गया है। तथा उपनलकर्मियों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि अब हर तीसरे माह में नहीं बल्कि प्रतिमाह दी जाएगी, तथा राज्य कर्मियों के अतिरिक्त महंगाई भत्ते के संबंध में भी प्रस्ताव पास हुआ है। तथा इसी प्रकार के 54 से भी अधिक प्रस्तावों के संबंध में कैबिनेट में निर्णय लिया गया है।
साथ ही में पहाड़ों के मेडिकल कॉलेज में क्लीनिकल डॉक्टर्स को प्रोत्साहन भत्ता दिया जाएगा तथा जो भूमि एम्स सेटेलाइट सेंटर को दी गई है उसके बदले यूएस नगर स्थित देवरिया सिड़कुल को 24.4 हेक्टेयर जमीन दी जाएगी इस निर्णय को मंजूरी दे दी गई है। तथा इसी के साथ कैबिनेट ने यह निर्णय भी लिया गया है कि सरकारी स्कूलों में नई शिक्षा नीति के तहत एक से पांचवीं कक्षा तक के बच्चों को लोक भाषा कुमाऊनी गढ़वाली में शिक्षा दी जाएगी। तथा इसी के साथ प्रदेश में कक्षा 10वीं और 12वीं में पढ़ रहे बच्चों को टेबलेट खरीदने हेतु ₹12000 की धनराशि भी दी जाएगी। यह सारे फैसले कैबिनेट में लिए गए हैं। मगर इनमें सबसे महत्वपूर्ण फैसला यह है, कि उत्तराखंड की लोक भाषा के जरिए अब बच्चों को प्राथमिक शिक्षा दी जाएगी।
