उत्तराखंड राज्य की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी द्वारा सख्त निर्देश देते हुए प्रधानाचार्यो और शिक्षकों से कहा गया है कि बच्चों को दस्तावेजों के अभाव में दाखिला देने से मना नहीं कर सकते सरकारी स्कूलों में जरूरतमंद बच्चों को दस्तावेजों के अभाव में दाखिला देने से मन नहीं किया जा सकता उन्होंने कहा कि ऐसा करने वाले प्रधानाचार्य या फिर शिक्षकों के खिलाफ कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
इस मामले में अपर सचिव शिक्षा रंजना राजगुरु को नोडल बनाते हुए उन्होंने तत्काल प्रभाव से सभी सरकारी स्कूलों को आदेश जारी करने के निर्देश दिए हैं और कहा है कि देहरादून के आईएसबीटी क्षेत्र में भिक्षावृत्ति को खत्म करने तथा उनके पुनर्वास के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट पर कार्य शुरू किया जाए। बता दे कि सचिवालय में महिला एवं बाल विकास विभाग के राज्य स्तरीय मूल्यांकन अनुश्रवण समिति की पहली समीक्षा बैठक के दौरान कहा गया कि राज्य में कुछ अनाथ ,गरीब और भिक्षावृत्ति में लिप्त जरूरतमंद तथा प्रवासी मजदूरों के बच्चों को जरूरी दस्तावेजों के अभाव में स्कूलों में दाखिला नहीं दिया जा रहा है इस मामले में मुख्य सचिव द्वारा कहा गया है कि बिना किसी भेदभाव के उन्हें दाखिला दिया जाए और इस मामले में सटीक आंकड़े भी मुहैया करवाने के निर्देश भी उन्होंने दिए हैं।