उत्तराखंड पुलिस अब नशा तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए अंतर्राज्यीय रूट की रोडवेज बस की स्कैनिंग करेगी| इसमें सबसे ज्यादा सख्ती बरेली रूट पर रहेगी| बता दें, उधम सिंह नगर में रोडवेज बस का कंडक्टर प्रतिबंधित इंजेक्शन की सप्लाई में पकड़े जाने के बाद डीजीपी ने यह आदेश जारी की है| डीजीपी ने सभी जिला कप्तानों से कहा है कि उनके जिले में प्रवेश करने वाली बसों की सघन चेकिंग की जाए| इसके लिए बॉर्डर पर स्निफर डॉग भी तैनात किए जाएंगे|
दरअसल, तस्करों ने बीते कुछ सालों में तस्करी के तरीकों में बदलाव किया है| पुलिस को चकमा देने के लिए अब सार्वजनिक परिवहन के माध्यमों का इस्तेमाल किया जा रहा है| बीते कुछ दिनों में उत्तर प्रदेश और इससे सटे राज्यों में यूपी रोडवेज की बस का यह इस्तेमाल देखा गया है| कई मामले भी विभिन्न राज्यों में दर्ज किए गए हैं|
उत्तराखंड में भी नशा तस्करी के लिए इन बसों को जरिया बनाया जा रहा है| उधम सिंह नगर से पहले देहरादून में एसटीएफ ने एक यूपी रोडवेज के बस के संविदा चालक को गिरफ्तार किया था और पुलिस इस पर अंकुश लगाने के लिए विभिन्न स्तरों पर काम कर रही है|
बता दें बस के चालक और परिचालक अतिरिक्त कमाई के लालच में इस तस्करी के धंधे में पड़ रहे हैं|
डीजीपी अशोक कुमार के मुताबिक, यह तस्करों का नया ट्रेंड है| इस पर अंकुश लगाने के लिए सभी जिलों के पुलिस कप्तानों को पत्र लिखा गया है| ताकि सभी बस पुलिस की निगरानी में रहे| इसके लिए और भी बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जाएगा|