
नई दिल्ली| विधि मामलों पर संसदीय समिति के अध्यक्ष और भाजपा सांसद सुशील मोदी ने पूर्वोत्तर समेत देश के अन्य हिस्सों में रहने वाले आदिवासियों को समान नागरिक संहिता (यूजीसी) के दायरे से बाहर रखने की वकालत की है| किसके पीछे उन्होंने यह तर्क दिया है कि सभी कानून के कुछ अपवाद होते हैं|
बीते दिवस हुई बैठक में विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर परामर्श शुरू करने के विधि आयोग की पहल की समय पर सवाल उठाए|
जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस और द्रमुक समेत ज्यादातर विपक्षी दलों के सदस्यों ने यह कहा कि अगले साल लोकसभा चुनाव को देखते हुए इस मामले को आगे बढ़ाया गया है|
कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा और द्रमुक के पी.विल्सन ने अलग-अलग लिखित बयान देकर यह कहा कि इस मुद्दे पर नए सिरे से विचार विमर्श की जरूरत नहीं है| यूसीसी पर लोगों की राय जानने के लिए विधि आयोग की ओर से शुरू की गई पहल के बाद संसदीय समिति की यह पहली बैठक थी|
कहां जा रहा है कि 20 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में यूसीसी पर विधेयक पेश किए जाने की संभावना बहुत कम है|
