
उत्तराखंड राज्य में हम अक्सर ठगी और चोरी की घटनाओं को देखते रहते हैं। एक ऐसा ही मामला राज्य के देहरादून से सामने आया है जहां प्रोजेक्ट शुरू करने का झांसा देकर कुछ व्यक्तियों ने फर्जी कंपनियां दिखाई और उनके माध्यम से दून वैली कोलोनाइजर्स एंड बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक से 12 करोड़ रुपए की ठगी को अंजाम दिया। यह प्रोजेक्ट उन्हीं की जमीन पर बनाया जाना था लेकिन आरोपित तो ने धोखाधड़ी कर शिकायतकर्ता की पूरी जमीन ही बेच दी। राजपुर थाना पुलिस ने शिकायत मिलने पर बालाजी डेवलपवेल प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक सहित 11 के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। जानकारी के मुताबिक शिकायतकर्ता प्रदीप नागरथ निवासी इंडस्ट्रियल एरिया पटेल नगर द्वारा पुलिस को बताया गया कि वह दून वैली कोलोनाइजर्स एंड बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक हैं। उनकी कंपनी की 35 वर्षों से 36 बीघा भूमि सहस्त्रधारा में है और उनका कहना था कि जितेंद्र खरबंदा खुद को बालाजी कंपनी का निदेशक बताता है उसकी कंपनी दिल्ली के पते पर रजिस्टर्ड थी। 5 जुलाई 2014 को जीतेंद्र ने तरला नागल स्थित उनकी कंपनी की भूमि पर हाउसिंग प्रोजेक्ट बनाकर बेचने का प्रस्ताव दिया। आरोपी द्वारा यह बात छुपाई गई कि उनकी कंपनी वर्ष 2011 से अस्तित्व में नहीं थी। जितेंद्र ने कहा कि दीपक काम के सिलसिले में अधिकतर बाहर रहते हैं ऐसे में हाउसिंग प्रोजेक्ट को पूरा समय नहीं दे पाएंगे। प्रोजेक्ट का कार्य प्रभावित ना हो इसलिए कार्यों की देखभाल के लिए अपनी जगह अजय पुंडीर को अपना प्रतिनिधि नियुक्त कर दें। जितेंद्र के झांसे में आकर प्रदीप ने अजय पुंडीर को अपना प्रतिनिधि नियुक्त कर दिया। 3 मार्च 2016 को आरोपितों ने एक सहमति पत्र तैयार किया जिसमें ₹100 के शपथ पत्र पर लिखकर दिया कि दून वैली कंपनी के हाउसिंग प्रोजेक्ट में अब बिना हाउसिंग प्रोजेक्ट बनाए ही सभी भूमि सीधे प्लॉटिंग करके विक्रय कर दी जाएगी और आरोपितों ने सहमति पत्र से उनकी करीब ₹120000000 की जमीन बेच दी। इसमें उनके कुछ अन्य साथी भी शामिल है और पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया है तथा पुलिस आगे की जांच कर रही है।
