
उत्तराखंड राज्य में स्थित चमोली जिले के जोशीमठ में भूमि कटाव के कारण कई लोग प्रभावित है। कई परिवार बेघर हो चुके हैं और ऐसे में जिला प्रशासन की ओर से प्रभावित परिवारों के लिए तीन विकल्प सुझाए गए हैं और सरकारी पहल का लाभ लेने के लिए उनको एक शर्त माननी होगी। बता दें कि भूमि कटाव की मार झेल रहे जोशीमठ के पीड़ितों को राहत देने के लिए चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना तीन विकल्प लेकर आए हैं। उन्होंने अपने विकल्प बीते सोमवार को पेश किए। यह विकल्प कुछ इस प्रकार है जिसमें पहला प्रदेश के आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने यहां संवाददाताओं की बैठक में हुए डेवलपमेंट के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पहले विकल्प के तहत प्रभावित भूमि या भवन मालिकों को एकमुश्त समाधान देते हुए उन्हें क्षति के मुआवजे के रूप में निर्धारित मानकों के अनुसार भुगतान किया जाएगा और वही दूसरे विकल्प के तहत प्रभावित भूमि या भवन मालिकों को प्रभावित भूमि के सापेक्ष घर के निर्माण के लिए निश्चित अधिकतम 100 वर्ग मीटर क्षेत्रफल तक की भूमि प्रदान की जाएगी और साथ ही प्रभावित भवन का मुआवजा भी दिया जाएगा। इसके बाद तीसरे विकल्प के तहत प्रभावितों के पुनर्वास हेतु चयनित स्थान पर अधिकतम 75 वर्ग फीट क्षेत्रफल की सीमा तक की भूमि पर भवन निर्माण कर दिया जाएगा और यदि इन विकल्पों के तहत जोशीमठ में प्रभावित लोगों को भुगतान पाना है तो उन्हें एक शर्त माननी होगी। उन्हें भवन आवंटित किए जाने से पहले अपनी भूमि या भवन की रजिस्ट्री राज्य सरकार के पक्ष में करनी होगी।
