Uttrakhand-जोशीमठ में हो रहे भू- धसाव को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री ने कही यह बात….

देहरादून।राज्य का धार्मिक शहर जोशीमठ भू- धसाव का शिकार हो रहा है। वहां जगह- जगह पानी आ रहा है और घरों में दरारें बन रही हैं तथा जोशीमठ में प्रभावितों की मदद में देरी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने 1 घंटे का मौन व्रत रखा जिसके बाद उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि तत्काल विस्थापन प्रक्रिया शुरू की जाए। उन्होंने कार्यकर्ताओं के साथ गांधी पार्क में मौन व्रत धारण किया और उसके बाद कहा कि जोशीमठ जगद्गुरु शंकराचार्य की तपोभूमि है और अब जोशीमठ का बड़ा क्षेत्र भू धसाव से प्रभावित हो रहा है। यदि सरकार ने तुरंत विस्थापन और समस्या का समाधान नहीं किया तो आने वाले समय में यह मामला सरकार के लिए बड़ी चुनौती बनेगा। उनका कहना है कि जोशीमठ को बचाने के लिए एक्सपर्ट की टीम भेजी जानी चाहिए जिससे वहां के अस्तित्व पर मंडरा रहे संकट को टाला जा सके। साथ में पूर्व मुख्यमंत्री ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार किसी बड़ी अनहोनी का इंतजार कर रही है कई वर्षों से जोशीमठ में भू धसाव के संकेत मिल रहे थे लेकिन अभी भी इसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। उनका कहना है कि इतनी ठंड में जोशीमठ के लोग खुले में रात बिताने को मजबूर हैं लेकिन सरकार ने अभी तक उन्हें राहत सामग्री नहीं पहुंचाई है और ना ही विस्थापन की व्यवस्था की जा रही है।इस मौके पर पूर्व सीएम हरीश रावत के साथ पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, पूर्व विधायक मनोज रावत, पृथ्वीपाल चौहान, आचार्य नरेशानंद नौटियाल, महेंद्र नेगी, ओमप्रकाश सती समेत कई लोग मौजूद रहे।