
उत्तराखंड राज्य में 17 सालों से आंदोलन कर रहे एसएसबी के गुरिल्ला सैनिकों को शासन ने सौगात दी है। चीनी सैनिकों से झड़प के बीच राज्य में पहली बार इनके सत्यापन का आदेश शासन स्तर से जारी हुआ है। बता दें कि राज्य में कुल 19600 गुरिल्ला हैं और सत्यापन के दौरान इनके दावे, जीवित- मृत होने के प्रमाण पत्र संबंधित जानकारियां भी जुटाई जाएंगी। सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद सरकार मणिपुर राज्य की तर्ज पर इन्हें सरकारी सेवाओं में भी वरीयता देगी और पेंशन समेत अन्य सुविधाएं देने पर भी विचार किया जाएगा। बता दें कि उत्तराखंड में गुरिल्ला काफी लंबे समय से संघर्षरत है। पिथौरागढ़ जिले के गंगोलीहाट में इन्होंने 2004 में संगठन बनाकर सेवायोजित करने और पेंशन देने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया था और यह लोग अल्मोड़ा में करीब 13 साल से धरना दे रहे हैं। देहरादून से लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर तक इनके द्वारा आंदोलन किया गया मगर फिर भी सरकार ने इनकी मांग पूरी नहीं की और इनके आंदोलन का यह मामला इसी साल अगस्त माह में नैनीताल हाईकोर्ट पहुंचा था जहां इस मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सरकार को गुरिल्ला व मृतक गुरिल्ला के आश्रितों को मणिपुर राज्य की तरह नौकरी व सेवानिवृत्ति के लाभ 3 माह के भीतर देने के आदेश दिए थे और अब राज्य में पहली बार गुरिल्ला सैनिकों का सत्यापन किया जाएगा तथा इन्हें विभिन्न सुविधाएं दी जाएगी।
