वीपीडीओ भर्ती धांधली -: आयोग के पूर्व अध्यक्ष, सचिव की जमानत याचिका खारिज

देहरादून| ग्राम पंचायत विकास अधिकारी (वीपीडीओ) भर्ती धांधली में आरोपी आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. आरएस रावत और सचिव डॉ एमएस कन्याल की जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है|
आरोपियों ने तर्क दिया था कि उन्हें झूठा फंसाया गया है| लेकिन पुलिस की तफ्तीश के आधार पर अभियोजन की दलीलों को सही पाते हुए स्पेशल विजिलेंस जज चंद्रमणि राय की अदालत ने दोनों की जमानत नामंजूर कर दी|


बताते चलें कि वर्ष 2016 में हुई वीपीडीओ भर्ती धांधली में विजिलेंस ने जनवरी 2020 में मुकदमा दर्ज किया था| करीब ढाई साल की जांच के बाद भी विजिलेंस ने इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं की थी| एसटीएफ ने 8 अक्टूबर को उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष सचिव और परीक्षा नियंत्रक को गिरफ्तार कर लिया था| न्यायालय के आदेश पर तीनों को न्यायिक हिरासत में रखा गया था| पूर्व अध्यक्ष डॉ. आरएस रावत और सचिव डॉ. एमएस कन्याल की ओर से विजिलेंस कोर्ट में जमानत याचिका लगाई गई थी| बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने कोर्ट में बताया कि दोनों आयोग में जिम्मेदार अधिकारी थे| उन्होंने परीक्षा के नियमों को ध्यान रखा था| लेकिन उन्हें फंसाया जा रहा है|
कोर्ट ने माना कि दोनों अधिकारियों के ऊपर बहुत बड़ी जिम्मेदारी थी| परीक्षा को निर्विघ्न पूरा करने के बजाए अयोग्य के लोगों को लाभ पहुंचाया गया है| पुलिस तफ्तीश के आधार पर यह बात सामने आई कि इन दोनों ने आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन कंपनी के मालिक राजेश चौहान आदि के साथ मिलकर ओएमआर सीटों में गड़बड़ी की है| ऐसे में जमानत देना उचित नहीं है|