सख्ती -: प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल पर 10 साल की कैद और 10 करोड़ जुर्माना

देहरादून| राज्य में विभिन्न सरकारी पदों पर होने वाली भर्ती के लिए अब सख्त कानून बनाने की तैयारी है| जिसके अंतर्गत नकल करते पकड़े जाने पर 5 साल और संगठित होकर नकल कराने के मामले में 10 साल की कैद तथा 10 करोड़ रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान हो सकता है|
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने इस संबंध में शासन को प्रस्ताव भेजा है| जिसका कार्मिक विभाग अध्ययन कर रहा है|


आयोग ने इस कानून के लिए सुझाव दिया है कि यदि कोई अभ्यार्थी भर्ती परीक्षा में पर्ची, मोबाइल अथवा अन्य माध्यमों से नकल करता पकड़ा जाता है तो ऐसे मामलों में 5 साल की सजा और एक लाख तक का जुर्माने का प्रावधान किया जा सकता है| और यदि संगठित गिरोह के जरिए नकल कराने के प्रकरण सामने आते हैं तो ऐसे मामलों में 10 साल की सजा और 10 करोड़ तक का जुर्माना वसूला जा सकता है| इसके साथ ही आरोपियों से परीक्षा कराने का व्यय और संपत्ति कुर्क कराना भी प्रस्तावित किया गया है| इस समय कार्मिक विभाग इस प्रस्ताव का अध्ययन कर रहा है| जिसके बाद इसे कैबिनेट में लाया जा सकेगा| इस प्रस्ताव के संबंध में सचिव कार्मिक शैलेश बगौली ने कहा, अभी परीक्षण किया जा रहा है| इसके बाद इस पर कोई निर्णय लिया जाएगा|