
नई दिल्ली| मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मुफ्त सरकारी योजनाओं पर जनमत संग्रह कराने की मांग करते हुए कहा कि जनता से पूछा जाना चाहिए कि क्या सरकारी पैसा एक परिवार और चंद दोस्तों पर इस्तेमाल होना चाहिए या आम लोगों की शिक्षा, स्वास्थ्य व बुनियादी सुविधाओं पर| मुख्यमंत्री केजरीवाल का मानना है कि टैक्स देने वालों के साथ धोखा उनके बच्चों की अच्छी और मुफ्त शिक्षा देने से नहीं है| धोखा तब होता है, जब दोस्तों के लाखों करोड़ों के कर्ज माफ कर दिए जाते हैं|
वीडियो मैसेज जारी करते हुए केजरीवाल ने कहा कि अभी थोड़ी देर पहले कहा गया कि अगर जनता को मुफ्त सुविधा दी जाएगी तो देश को नुकसान होगा| यह टैक्स देने वालों के साथ धोखा है| केजरीवाल का मानना है कि पैसे देने वालों के साथ धोखा तब होता है जब उनसे टैक्स लेकर चंद दोस्तों के बैंकों के कर्ज माफ कर दिए जाते हैं| टैक्स देने वालों के साथ धोखा इससे नहीं होता कि हम उनके पैसों को अच्छी और मुफ्त शिक्षा देते हैं, उनका फ्री में इलाज करते हैं| केजरीवाल ने कहा कि अगर 10 लाख करोड़ रुपये के कर्ज माफ नहीं हुआ होता तो आज देश घाटे में नहीं होता| दूध, दही पर जीएसटी नहीं लगानी पड़ती| हालांकि इस मुद्दे को सियासी विमर्श के लिए अच्छा बताते हुए अरविंद केजरीवाल ने यह मांग की है कि देश के अंदर इस पर जनमत संग्रह कराया जाना चाहिए|
