देहरादून| प्रदेश के 6 जिलों में चारे की कमी से दुग्ध उत्पादन में कमी आ रही है| इसके पीछे भूसे की उपलब्धता न होने से दुधारू पशुओं के भोजन में आई दिक्कत को माना जा रहा है| प्रदेश में करीब 2600 समितियां डेयरी फेडरेशन को दुग्ध उपलब्ध कराती है|
प्रदेश में भूसे की भारी कमी के चलते दूध उत्पादन में भारी गिरावट आने लगी| राज्य में भूसे की कमी को दूर करने के लिए सरकार की ओर से कुछ कड़े फैसले भी लिए गए और दूसरे राज्यों से भी बातचीत हुई| इसके बावजूद भी उत्पादन में आने वाली कमी को नहीं रोका जा सका| जिसका असर यह हुआ कि प्रदेश के यूएसनगर, अल्मोड़ा, बागेश्वर, देहरादून, हरिद्वार और उत्तरकाशी जिले में दुग्ध उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में कम हो गया है| दुग्ध विकास सचिव बीवीआरसी पुरुषोत्तम के अनुसार मौजूदा स्थिति के बाद पशुपालकों को विशेष छूट दी जा रही है| एक तरफ जहां बाजारों में लगभग 1400 रुपये प्रति क्विंटल मिनने वाला भूसा सरकार 700 में दे रही है तो वहीं पशुपालकों से दूध खरीदे जाने में भी अलग से प्रोत्साहन राशि दी जा रही है|
बताते चलें कि प्रदेश में भूसे का संकट दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है| भूसे के दाम इतने बढ़ गए हैं कि शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों के पशुपालकों को मवेशियों के लिए चारा भी नहीं मिल रहा है| ऐसे में मजबूरी में लोग मवेशियों को बेच रहे हैं|