Uttarakhand – विधानसभा के शीतकालीन सत्र में इस बार अपनाई जाएगी यह नई व्यवस्था

9 दिसंबर से प्रारंभ होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान सभी विधायकों के लिए बैठक की व्यवस्था सभा मंडल में होगी| लेकिन सभी मंत्रियों और विधायकों का कोरोना टेस्ट नेगेटिव आने के बाद ही सदन में प्रवेश मिल पाएगा|


सत्र के दौरान पत्रकारों और दर्शक दीर्घाओ में 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ अनुमति प्रदान की गई है| ड्यूटी में तैनात अधिकारियों, कर्मचारियों, मीडिया, कर्मियों, दर्शकों वहां उपस्थित सभी लोगों की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव होनी चाहिए तभी उन्हें सत्र में प्रवेश करने की इजाजत होगी|


आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए यह विधानसभा सत्र हंगामेदार होने के आसार हैं|

मार्च 2020 में कोरोना संक्रमण की दस्तक के बाद विधानसभा के सभी सत्र कोरोना के साए में हुए| सितंबर 2020 में देहरादून में हुए सत्र में पहली बार मंत्रियों और विधायकों के वर्चुअल जोड़ने की व्यवस्था हुई| जिसमें 16 विधायक वर्चुअल शामिल हुए| इस बार मार्च में ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में पर्याप्त व्यवस्था होने के कारण शारीरिक दूरी, कोरोना मानको का पालन करने में दिक्कत नहीं हुई| फिर अगस्त में देहरादून में हुए सत्र में सितंबर 2020 की व्यवस्था को अमल में लाया गया|


अब जब कोरोना की स्थिति सामान्य होने लगी है, शीतकालीन सत्र के लिए विधानसभा ने कुछ छूट दी है,

मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा, स्थिति नियंत्रित होने के बावजूद सत्र में कोरोना के खिलाफ पूरी सावधानी बरती जाएगी| मीडिया और दर्शकों को इस बार 50% उपस्थिति के साथ सत्र में मंजूरी दी गई है, हालांकि उपस्थित सभी लोगों की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव होना अनिवार्य है| मंत्री, विधायकों को भी अपने अपने क्षेत्र अथवा देहरादून में विधायक निवास पर कोरोना जांच कराने की अपेक्षा की गई है| विधायकों के प्रवेश द्वार पर एंटीजन टेस्ट की व्यवस्था की गई है| साथ ही सभी के लिए कोरोना वैक्सीन कि दोनों डोज लगी होना भी अनिवार्य है|

इस बार शीतकालीन सत्र में विधायकों के सहयोगी और सुरक्षाकर्मियों को विधानसभा परिसर में आने की अनुमति नहीं होगी| विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने उच्चअधिकारियों के साथ बैठक के बाद पत्रकार वार्ता के दौरान यह जानकारी दी|