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किसी जमाने में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के बीच काफी गहरी मित्रता हुआ करती थी मगर 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद अक्सर उन दोनों के बीच तकरार होती रहती है। किशोर का कहना है कि कांग्रेस सरकार ने षड्यंत्र करके 2017 में उन्हें उनकी मर्जी के विरुद्ध जाकर सहसपुर सीट से चुनाव लड़वाया।
इसी के जवाब में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि अगर किशोर को यह लगता है कि यह षड्यंत्र था तो उन्हें बिल्कुल गलत लगता है क्योंकि 2017 में पार्टी का ध्यान विधानसभा चुनाव में था ना कि किशोर के खिलाफ षड्यंत्र करने में। तथा सहसपुर सीट से चुनाव लड़ने में किशोर ने खुद सहमति जताई थी।
ना सिर्फ इसी बात पर बल्कि और भी कई बातों पर हरीश रावत और किशोर के बीच काफी मनमुटाव चल रहे है जो कांग्रेस पार्टी के लिए आने वाले विधानसभा चुनाव में काफी घातक साबित हो सकते है।
हरीश रावत ने यह भी कहा कि किशोर को वह टिहरी से चुनाव लड़ाना चाहते है यदि किशोर मान जाते है तो इससे उन्हें काफी खुशी होगी क्योंकि कांग्रेस किशोर को पहले भी टिहरी के नेता के रूप में देखना चाहती थी और आगे भी देखना चाहती है।
लेकिन आज भी किशोर इस बात से सहमत है क्योंकि वे राज्यसभा में जाना चाहते थे मगर पार्टी ने उनकी जगह प्रदीप टम्टा को टिकट दे दिया। हाल ही में हरीश रावत ने घस्यारी योजना पर भी सवाल खड़े किए और असहमति जताई हरीश रावत के असहमति जताने पर किशोर ने कहा कि सरकार द्वारा यह योजना महिलाओं के हित में चलाई गई है और किशोर ने इस योजना को समर्थन भी दिया हाल ही में हरीश रावत और किशोर के बीच फिर से मनमुटाव हो गया जिसका असर कांग्रेस के आने वाले विधानसभा चुनाव पर काफी हद तक पड़ सकता है।
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