साल 2018 में जम्मू कश्मीर में आतंकियों से लड़ते वक़्त उत्तराखंड के देहरादून निवासी दीपक नैनवाल को शरीर में 3 गोलियां लगी जिसके बाद भी 1 महीने तक वे जिंदगी और मौत के बीच जूझते रहे और उसके बाद 20 मई 2018 को शहीद हो गए। उनकी शहादत के बाद उनकी पत्नी ज्योति नैनवाल टूटी नहीं बल्कि और भी मजबूत हो गई। पति की शहादत के बाद ज्योति नैनवाल ने भी देश सेवा का रास्ता चुना। ज्योति नैनवाल आज शनिवार को चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी से पास आउट हुई है।
उन्होंने अपने पति की रेजिमेंट को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके इस संघर्ष में उनके पति की रेजीमेंट हमेशा उनके साथ खड़ी रही तथा उनके साथ एक ऑफिसर की तरह नहीं बल्कि एक बेटी की तरह व्यवहार किया गया। ज्योति नैनवाल और दीपक नैनीवाल के दो बच्चे भी है, उनकी बड़ी बेटी लावण्या कक्षा चार में पढ़ती है तथा बेटा रेयांश कक्षा 1 में पड़ता है। ज्योति नैनवाल के ऑफिसर बनने के बाद उनके बेटे का कहना है कि उनकी मां के अफसर बनने पर उन्हें गर्व है और वह भी बड़े होकर फौजी ही बनना चाहते है। दीपक नैनवाल की तीन पीढ़ियां देश सेवा से ही जुड़ी हुई है दीपक नैनवाल के पिता चक्रधर नैनवाल भी सेना से रिटायर्ड है तथा उनके दादा सुरेशानंद नैनवाल भी स्वतंत्रता सेनानी रह चुके है।