15 हजार का मानदेय नहीं मिला तो सड़कों पर उतरेंगी भोजन माताएं, पढ़ें पूरी खबर

पिथौरागढ़। बीते रविवार को जिला अध्यक्ष जानकी भण्डारी के नेतृत्व में क्षेत्रीय भोजन माताओं ने सरकार से 15,000 मानदेय की मांग की। भोजन माताओं का कहना है कि वे अपने कर्तव्य का निर्वहन पूरे मन से करती है मगर फिर भी सरकार उन्हें सिर्फ 2000 मानदेय ही देती है मगर इस महंगाई के दौर में ₹2000 से घर चलाना काफी मुश्किल हो जाता है। बीते रविवार को भोजन माताओं ने अपनी मांग को लेकर कैबिनेट मंत्री विशन सिंह चुफाल को ज्ञापन सौंपा।

भोजन माताओं का कहना है कि उन्होंने कोविड काल में भी अपने सारे उतर दायित्वों का निर्वाहन बच्चों को ध्यान में रखते हुए किया लेकिन 2000 मानदेय उनके लिए सम्मानजनक नही है। सरकार को उनके कार्य को देखते हुए उन्हें 15000 का मानदेय देना होगा।तथा उन्होंने यह भी कहा कि यदि सरकार ने उनकी मांग पूरी नहीं की तो वे सड़कों पर उतर कर आंदोलन करेंगी।उन्होंने सरकार से पहले भी 15000 मानदेय की बात कही थी लेकिन सरकार ने उनकी बात पर ध्यान नही दिया लेकिन अगर यदि अब वह सड़कों पर उतरेंगी तो इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। इस अवसर पर कमला पंथ, मंजू टम्टा, सुनीता जोशी, कलावती, रेनू भंडारी, माधवी तथा लक्ष्मी देवी सहित आदि भोजन माताएं उपस्थित थी।