देवभूमि के वीर सपूत देश की रक्षा के लिए हमेशा आगे रहे हैं| यही कारण है आइएमए से पास होने वाला हर 12वां व्यक्ति उत्तराखंड से होता है, और सेना में हर पांचवा जवान भी देवभूमि से ही होता है|
आइएमए में आयोजित एसीसी के दीक्षा समारोह में भी इस समृद्ध सैन्य विरासत की झलक साफ दिखी| इस बार चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ गोल्ड व सिल्वर मेडल से सम्मानित होने वाले दोनों कैडेट उत्तराखंड से है| चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ गोल्ड मेडल और विज्ञान वर्ग में कमांडेड सिल्वर मेडल से सम्मानित मनोज बृजवासी गौलापार हल्द्वानी के रहने वाले हैं| मनोज के पिता शंकर दत्त बृजवासी किसान है, और माता बसंती देवी गृहणी है| ब्रांड मेडल विजेता भाटिंया पंजाब के रहने वाले हैं और किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं|
वही सिल्वर मेडल विजेता नीतिश बिष्ट सैन्य परिवार से ताल्लुक रखते हैं| नीतिश को भारतीय सैन्य अकादमी की मुख्यधारा में शामिल हुए 68 कैडेट, 118वें दीक्षा समारोह में डिग्री से नवाजा गया| नितिश अल्मोड़ा के पूर्वी पोखरखाली निवासी है| उनके पिता गोविंद बिष्ट सेना से हवलदार रिटायर है और माता गृहणी है| नीतिश के दादा रणजीत सिंह भी सेना में रहते द्वितीय विश्व युद्ध में शामिल है| नीतिश की प्रारंभिक पढ़ाई विवेकानंद इंटर कॉलेज से संपन्न हुई थी| उन्होंने दो बार एनडीए की परीक्षा दी जिसमें वह सफल नहीं हुए| बाद में 2012 में नौसेना की भर्ती हुई| रडार मेंटेनेंस में काम करती हुए वह अपना सपना पूरा करने में जुट जाए| और अब इसी के जरिए अफसर बनने की राह पर है|