अल्मोड़ा:- राजकीय महाविद्यालय लमगड़ा में आयोजित 12 दिवसीय उद्यमिता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन

अल्मोड़ा। राजकीय महाविद्यालय लमगड़ा में आयोजित 12 दिवसीय उद्यमिता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतिम दिवस की शुरुआत अत्यंत उपयोगी सत्र से हुई। रीप परियोजना के ब्लॉक समन्वयक हरीश सनवाल ने प्रतिभागियों को राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा संचालित स्वरोजगार, स्टार्टअप और उद्यमिता से संबंधित योजनाओं की जानकारी दी और युवाओं को नवाचार व स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया।


इसके पश्चात समापन समारोह आयोजित हुआ, जिसकी अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. रेनु जोशी ने की, तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में आशीष शुक्ला (मेंटोर, EDII) उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन रेनू असगोला द्वारा सुचारू रूप से किया गया। समारोह का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना से हुआ।


कार्यक्रम समन्वयक डॉ. हेमन्त कुमार बिनवाल ने 12 दिनों की गतिविधियों का सार प्रस्तुत किया, जिसमें प्रशिक्षण के विभिन्न सत्रों, एमएसएमई रजिस्ट्रेशन, बाजार सर्वेक्षण, बिजनेस मॉडल कैनवस, उद्योग भ्रमण आदि की झलक साझा की और सभी वक्ताओं, प्रशिक्षकों, प्रतिभागियों व सहयोगी स्टाफ का धन्यवाद ज्ञापित किया।
मुख्य अतिथि डॉ. रेनु जोशी ने अपने प्रेरक संबोधन में प्रतिभागियों को बधाई देते हुए कहा कि वर्तमान समय में स्वरोजगार एवं उद्यमिता युवाओं के लिए आत्मनिर्भरता की दिशा में एक सशक्त मार्ग है। उन्होंने प्रतिभागियों को इस प्रकार के प्रशिक्षणों से प्राप्त ज्ञान का लाभ उठाकर अपने भीतर के उद्यमी को जाग्रत करने का आह्वान किया।
विशिष्ट अतिथि आशीष शुक्ला ने प्रतिभागियों को उद्यमिता के मूलभूत सिद्धांतों पर दोहराते हुए, स्टार्टअप की यात्रा में आने वाली चुनौतियों व उनसे उबरने के उपायों पर प्रकाश डाला।
फीडबैक सत्र में काजल तोलिया, अंजलि पांडेय, तथा गौरव सिंह बिष्ट ने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि यह प्रशिक्षण उन्हें न केवल व्यवसाय के तकनीकी पक्षों से अवगत कराने वाला रहा, बल्कि आत्मविश्वास भी प्रदान करने वाला साबित हुआ।
इस अवसर पर प्रतिभागियों द्वारा अपने बनाए गए उत्पादों की एक प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें हस्तनिर्मित वस्तुएँ, स्थानीय संसाधनों से तैयार किए गए उत्पाद, हर्बल आइटम्स, नवाचार आधारित आइडियाज आदि शामिल थे। यह प्रदर्शनी प्रतिभागियों की रचनात्मकता, उत्पाद विकास क्षमता और व्यावसायिक दृष्टिकोण का प्रभावशाली प्रदर्शन रही।
इसके पश्चात स्टडी मैटेरियल वितरण कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें सभी प्रतिभागियों को प्राचार्य डॉ. रेनु जोशी एवं कार्यक्रम समन्वयक डॉ. हेमन्त कुमार बिनवाल द्वारा सम्मानित किया गया। अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए और संस्था की ओर से कृतज्ञता ज्ञापित की गई। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापकगण – सिद्धार्थ कुमार गौतम, धर्मेंद्र सिंह नेगी, नरेंद्र आर्या, डॉ. कमलेश उपस्थित रहे। समापन समारोह के साथ ही यह कार्यक्रम एक महत्वपूर्ण शिक्षण यात्रा के रूप में प्रतिभागियों की स्मृतियों में दर्ज हुआ, जो उन्हें आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रोत्साहित करता रहेगा।