
अल्मोड़ा। मदर्स-डे पर जहां एक ओर राज्य के विभिन्न स्थानों व विद्यालयों तथा समाजिक संस्थाओं द्वारा अलग – अलग तौर -तरीकों से मां के लिए अपने -अपने विचार व्यक्त किये गये जिनमें कविताओं नाटकों व सम्बोधनों में मां का स्थान सर्वोपरि बताते हुए उसे प्रथम गुरु मां कहा गया है।जो जननी है बच्चों के लिए अपना सबकुछ उन पर न्यौछावर कर देती है और अपने को ही भूल जाती है।
इसका एक प्रत्यक्ष उदाहरण कुर्मांचल अखबार की न्यूज़ रिपोर्टर नेहा भण्डारी ने देते हुए बताया कि नैनीताल जिले के गरमपानी में एक महिला नन्दी देवी है जिनकी स्वयं की पैन्चर की दुकान हैं।नन्दी देवी के दो बेटे व एक बेटी है,नन्दी देवी ने बताया कि दुकान उनके पति नन्दन सिंह नेगी चलाते हैं एक अकेले की कमाई से घर का खर्चा चलाना कठिन हो गया तो उन्होंने अपने पति का हाथ बटाने में दुकान पर काम करना शुरू कर दिया। जिसमें उनके पति ने उनका साथ दिया और उन्हें प्रोत्साहित भी किया।उनके पति नन्दन सिंह ने अपनी पत्नी को लक्ष्मी व मां का रुप बताया।
नन्दी देवी पिछले चार साल से पैंचर की दुकान चलाते -चलाते अब स्वयं ही टायर खोलना,लगाना व पैंच कसना आदि सब काम अकेले भी कर लेती है। नन्दी देवी बताती है कि वो आज अपने स्वरोजगार से काफी सन्तुष्ट है और आत्म निर्भर भी हैं जो समाज के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।
