
उत्तराखंड राज्य में चार धाम काफी महत्वपूर्ण है यहां पर जब चार धाम यात्रा शुरू होती है तो काफी अधिक संख्या में यात्री पहुंचते हैं इसलिए व्यवस्थाओं पर दबाव भी बढ़ जाता है। यहां पर व्यवस्थाएं कैसी होनी चाहिए इसके लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने डबल्यूआईआई को यात्रियों की धारण क्षमता का आकलन व अध्ययन करते हुए रिपोर्ट देने के लिए कहा है। वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट आफ इंडिया ने हेमकुंड साहिब, केदारनाथ ,गंगोत्री, यमुनोत्री में श्रद्धालुओं की धारण क्षमता के आकलन का अध्ययन शुरू कर दिया है। यह जिम्मेदारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा संस्थान को दी गई है।
अध्ययन में संस्थान धार्मिक स्थल पर श्रद्धालुओं के रुकने की क्षमता, चिकित्सा सुविधा, कूड़ा निस्तारण आदि पर रिपोर्ट देगा और इससे भविष्य में होने वाली चार धाम यात्राओं के मामले में भी मदद मिलेगी।


