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इस वर्ष भैया दूज का पर्व यानी कि भाई- बहन को समर्पित इस त्यौहार को लेकर लोगों के मन में थोड़ा सा संशय है। बता दे कि द्वितीया तिथि दो दिन रहेगी और ऐसा अमावस्या तिथि का मान बढ़ने से हुआ है।
वहीं ज्योतिषाचार्य की माने तो भैया दूज का पर्व 15 नवंबर को मनाना उचित रहेगा। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की परिसर स्थित श्री सरस्वती मंदिर के आचार्य राकेश कुमार शुक्ल के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज का पर्व मनाया जाता है और 14 नवंबर को प्रतिपदा तिथि दोपहर 2:00 बजे तक रहेगी इसके बाद द्वितीय तिथि लग जाएगी जो कि 15 नवंबर को दोपहर पौने दो बजे समाप्त हो जाएगी ऐसे में 15 नवंबर के दिन भैया दूज का पर्व मनाना उचित रहेगा। बता दे कि यह त्यौहार यम और उनकी बहन यमुना से प्रारंभ हुआ है इस दिन भाइयों को अपनी बहन के घर भोजन करने से यम की पीड़ा नहीं सताती और यमुना के विशेष आग्रह पर इस दिन यमदेव उनके घर पहुंचे थे इसलिए इस त्यौहार को भैया दूज के रूप में मनाया जाता है।
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