
अब उत्तराखंड के 13 जिलों में 15वें वित्त आयोग के तहत दी गई धनराशि को समय पर खर्च न करने वाली त्रिस्तरीय ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों और अधिकारियों पर कार्यवाही होगी और बेहतर काम करने वाली पंचायतों को पुरस्कृत किया जाएगा|
सरकार ने प्रथम चरण में ऐसी पांच-पांच पंचायतों का ब्यौरा तलब किया है| अच्छा प्रदर्शन करने वाली पंचायतों को पुरस्कृत जबकि खराब प्रदर्शन करने वाली पंचायतों को दंड मिलेगा|
इस संबंध में सचिव पंचायती राज नितेश झा की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं|
बताते चलें कि पंचायतों में विकास कार्यो के लिए प्रतिनिधियों की ओर से हमेशा बजट नहीं मिलने की बात कहकर कार्यों को लटकाने की शिकायतें मिलती रहती है| इस संबंध में शासन के अधिकारियों का कहना है कि पंचायत स्तर पर बजट की कहीं कोई कमी नहीं है, जो पैसा दिया जा रहा है तमाम पंचायतें उसे भी खर्च नहीं कर पा रही हैं| प्रदेश में बहुत सी पंचायतें बेहतर काम भी कर रही हैं|
जानकारी के मुताबिक, ग्राम पंचायतों, विकासखंड और जिला पंचायतों में स्वच्छता एवं पेयजल के लिए 15 वे वित्त आयोग में मिली धनराशि का 50% भी खर्च नहीं हो पाया है| इस पर पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज की ओर से नाराजगी जताई गई है|
