उत्तराखंड। राज्य में वन निगम जो कि अर्थव्यवस्था में अपना भरपूर योगदान देता है उसके कारोबार में गिरावट आ रही है वन निगम के कारोबार में आने वाली गिरावट का कारण यह है कि वन निगम में कर्मचारियों का काफी अभाव हो चुका है। उत्तराखंड के वन निगम में पहले 3300 कर्मचारी कार्यरत थे मगर अब उनकी संख्या घटकर केवल 400 कर्मचारी रह गई है।
खनन का कार्य शुरू होने वाला है मगर कर्मचारियों का भारी अभाव है जिस कारण खनन में काफी बाधाएं उत्पन्न हो रही है। राज्य की विभिन्न नदियों के खनन के कार्यों को वन विकास निगम द्वारा ही किया जाता है जिससे हर साल राज्य को करोड़ों की आय होती है। वन निगम ना सिर्फ नदियों में खनन का कार्य करता है बल्कि पेड़ों की कटाई से लेकर उन्हें बेचने तक का कार्य भी वन निगम ही करता है।लेकिन कर्मचारियों के अभाव के कारण वन निगम के कार्य में काफी बाधाएं उत्पन्न हो रही है कर्मचारियों के ना होने से रेता, बजरी, लकड़ी आदि की चोरिया भी काफी मात्रा में हो रही है।
आने वाले कुछ ही दिनों में गौला, कोसी, नंधौर आदि नदियों में खनन का काम शुरू हो जाएगा मगर कर्मचारी कम होने की वजह से कार्य में काफी बाधाएं आएंगी जिससे खनन के कारोबार में काफी गिरावट भी आएगी तथा इससे राज्य की वित्तीय स्थिति को नुकसान झेलना होगा।