राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग की तरफ से मेडिकल के छात्रों को यह सलाह दी गई है कि वह पाकिस्तान में मेडिकल की पढ़ाई ना करें। क्योंकि पाकिस्तान के किसी भी शिक्षण संस्थान में खुद को नामांकित करवाने वाले भारतीय छात्रों को भारत में नौकरी या फिर शिक्षा नहीं मिलेंगी। एनएमसी की ओर से जारी नोटिस के अनुसार किसी भी भारतीय छात्र को पाकिस्तान में मेडिकल की पढ़ाई के लिए पंजीकरण नहीं करवाना चाहिए यदि ऐसा होता है तो पाकिस्तान के किसी भी कॉलेज और विश्वविद्यालय या संस्थान में एमबीबीएस ,बीडीएस या समकक्ष कोर्स में दाखिला लेने वाला भारतीय छात्र भारत में किसी भी नौकरी या फिर एफएमजीई परीक्षा का पात्र नहीं होगा। हालांकि जिन छात्रों ने वर्ष 2018 से पहले इस तरह की डिग्री ली है उन्हें केंद्रीय गृह मंत्रालय से विशेष अनुमति के बाद इसमें कुछ छूट मिल सकती हैं। इससे पहले छात्रों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद द्वारा भी आगाह किया गया था कि छात्र पाकिस्तान में मेडिकल की पढ़ाई न करें क्योंकि वहां की डिग्री भारत में मान्य नहीं है।
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