
नई दिल्ली| लंबे समय बाद भारतीय स्टेट बैंक समेत कई सरकारी और निजी बैंकों ने कर्ज की ब्याज दरों में बढ़ोतरी शुरु कर दी है| बैंकों ने उधारी दरों में सभी 5 से 10 आधार अंकों की बढ़ोतरी की है| इसके बाद अन्य बैंकों के लिए भी ब्याज में बढ़ोतरी का रास्ता साफ हो गया लेकिन इसका असर आम आदमी से लेकर कंपनियों के बही खातों पर होगा|
संबंधित जानकारों का कहना है कि, ब्याज दरों में बढ़ोतरी से सबसे ज्यादा असर कंपनियों पर पड़ेगा| कंपनियों को अपने दैनिक कामकाज के लिए कार्यशील पूंजी जुटाने पर ज्यादा ब्याज देना पड़ेगा यानी कंपनियों की कार्यशील पूंजी जुटाने को लागत बढ़ जाएगी| इससे उनका मार्जिन यानी मुनाफा भी प्रभावित होगा इसके अलावा जिन सीमांत लागत आधारित ऋण दर (एमसीएलआर) के आधार पर किसी भी प्रकार का लोन ले रखा है, उनकी मासिक किस्त बढ़ जाएगी| वहीं महंगाई में तेजी से वृद्धि को देखते हुए संभावना जताई जा रही है कि आरबीआई जून में होने वाली मौद्रिक नीति समिति की बैठक में रेपो दर में बढ़ोतरी कर सकता है|
