
सरकार द्वारा देश में 18 से 59 वर्ष की आयु वर्ग के लोगों के लिए निजी केंद्रों में बीते 10 अप्रैल 2022 से कोरोना की सतर्कता डोज उपलब्ध करवा दी गई थी। मगर उत्तराखंड राज्य में यह अभियान केवल रस्म अदायगी बनकर रह गया है। बता दें कि उत्तराखंड के 13 जिलों में से केवल 3 जिलों में ही लोगों को सतर्कता खुराक मिल पा रही हैं। वहीं दूसरी तरफ कई निजी केंद्रों ने सतर्कता खुराक मुहैया करवाने से मुंह फेर लिया है। बता दें कि निजी केंद्रों में सतर्कता खुराक की कीमत ₹385 तय की गई है। मगर नागरिक निजी केंद्रों से सतर्कता खुराक लगवाने के लिए तैयार नहीं है। और यह विषय काफी चिंता का बन चुका है क्योंकि राज्य में एक बार फिर से कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी होने लग गई है। ऐसे में सतर्कता खुराक लगवाना काफी आवश्यक हो गया है। यहा तक कि चिकित्सा विशेषज्ञों ने भी सतर्कता खुराक लगवाने की सलाह दी है। उनका कहना है कि इससे शरीर को मजबूती मिलेगी तथा कोरोना वायरस से लड़ने में इंसान काफी हद तक सक्षम होगा। बता दें कि राज्य के अधिकांश निजी केंद्रों ने वैक्सीन बेकार होने के डर की वजह से टीकाकरण से किनारा कर लिया है। हालांकि अभी 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों स्वास्थ्य कर्मियों फ्रंटलाइन वर्करों को सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में यह वैक्सीन निशुल्क उपलब्ध करवाई जा रही है। मगर 18 से 59 वर्ष के लोगों को इस वैक्सीन के लिए शुल्क जमा करना होगा।
