
आज 5 जून को हर साल विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है|
आधुनिकता की ओर बढ़ रहे विश्व में विकास की राह पर चलते हुए आज हम पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं| आज कई ऐसी चीजों का उपयोग शुरू हो गया है जो धरती और पर्यावरण के लिए घातक है|
सभी जानते हैं कि इंसान और पर्यावरण के बीच एक गहरा संबंध है| हमारा जीवन प्रकृति के बिना असंभव है| इन सब बातों को जानते हुए भी आज पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया जा रहा है|
एक गहरे संबंध के बाद भी प्रकृति को इंसान ही नुकसान पहुंचा रहे हैं| हमारा पर्यावरण लगातार दूषित हो रहा है, जो जनजीवन को प्रभावित करने के साथ ही प्राकृतिक आपदाओं को भी बुलावा दे रहा है| आज पर्यावरण को लेकर सभी को जागरूक होने की जरूरत है क्योंकि अगर हमारा पर्यावरण दूषित रहता है तो हम कभी सुरक्षित नहीं रह सकते| सुखी व स्वस्थ जीवन के लिए प्रकृति की सुरक्षा और पर्यावरण का संरक्षण अति आवश्यक है| इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए हर साल विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है|
भारत समेत विश्व भर में 5 जून को पर्यावरण दिवस मनाया जाता है| जिसमें विश्व के सभी देश पर्यावरण के प्रति जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं|
बता दें विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत 1972 में हुई| संयुक्त राष्ट्र संघ ने 5 जून 1972 को पहला पर्यावरण दिवस बनाया था| तब से हर साल इस दिन को पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है|
वैसे तो संयुक्त राष्ट्र संघ ने विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का फैसला लिया था, लेकिन पर्यावरण दिवस सबसे पहले स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में मनाया गगया, 972 में स्टॉकहोम में पहली बार पर्यावरण सम्मेलन आयोजित किया गया| जिसमें 119 देशों ने हिस्सा लिया था|
बढ़ते प्रदूषण के कारण प्रकृति पर खतरा मंडरा रहा है| जिसे रोकने के उद्देश्य से पर्यावरण दिवस मनाया जाता है| जिससे लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया जाए और प्रकृति को दूषित होने से बचाया जाए क्योंकि अगर हमारा पर्यावरण दूषित रहता है तो इसका असर पूरे विश्व के प्राणियों को झेलना पड़ेगा|
हर साल विश्व पर्यावरण दिवस के लिए एक थीम होती है| इस बार की थीम ‘सॉल्यूशन टू प्लास्टिक पॉल्यूशन’ है| यह थीम प्लास्टिक प्रदूषण के समाधान पर आधारित है|
आज विश्व के सभी देशों में पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा और लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया जाएगा|
