
देहरादून| उत्तराखंड में सरकार तो भाजपा की बन रही है लेकिन भाजपा को बहुमत दिलाने के बावजूद पुष्कर सिंह धामी चुनाव हार गए| हालांकि कई पूर्ण बहुमत से जीते विधायकों के पुष्कर सिंह धामी के लिए अपनी सीट छोड़ने का दावा किया है| सीएम की दौड़ में विधायकों में महाराज और धन सिंह रावत का नाम सबसे आगे है| जबकि गैर विधायकों में निशंक, बलूनी और अजय भट्ट के नामों की चर्चा है|
पुष्कर सिंह धामी को सीएम बनाए जाने के पक्ष में यह तर्क दिया जा रहा है कि चुनाव के दौरान उनके पास इतना समय नहीं था कि वह अपनी विधानसभा सीट पर समय देते| उन्होंने पूरे प्रदेश में चुनाव प्रचार किया उनकी विधानसभा सीट पर प्रचार की कमान उनकी पत्नी के हाथों में रहे हालांकि आखिरी समय में उन्होंने ताकत झोंकी लेकिन चुनाव नहीं जीत पाए| भाजपा उत्तराखंड में सत्ता की कमान किसके हाथों में सौंपेगी इस सवाल पर पार्टी अब फंसती नजर आ रही है हालांकि चुनाव से पहले कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर सवाल उठ रहे थे लेकिन अब भाजपा में मुख्यमंत्री पद को लेकर अनेक चर्चाएं सुनने को मिल रही है| मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के चेहरे पर भाजपा ने चुनाव लड़ा लेकिन पुष्कर सिंह धामी की हार के बाद अब मुख्यमंत्री कौन बनेगा इसको लेकर चर्चाएं तेज होने लगी है| इसके लिए पश्चिमी बंगाल में विस का चुनाव हारी ममता बनर्जी का उदाहरण दिया जा रहा है जो पार्टी को जीता गई थी लेकिन खुद चुनाव हार गई थी|
सबसे पहले तो सवाल यह उठता है कि अगर धामी मुख्यमंत्री नहीं बने तो कौन मुख्यमंत्री बनेगा?
सियासी हलचलों में यह सवाल तैर रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व में यदि धामी को कमान नहीं सौंपी तो फिर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर पार्टी किसे बैठाएगी|
मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर विधायकों में से सतपाल महाराज और धन सिंह रावत के नाम की चर्चा है | दोनों नाम पूर्व में भी चर्चा में रहे हैं| इसके अलावा विधायकों से जुदा यदि पार्टी बाहर से मुख्यमंत्री के चेहरे तलाशती थी है तो उनके लिए तीन प्रमुख नामों की चर्चा हो रही है जिनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक, राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी और केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट के नामों की चर्चा की जा रही है|
