Uttrakhand-1702 निर्जन गांव बन सकते हैं आपदा प्रभावितों की उम्मीद…… पढ़ें पूरी खबर

उत्तराखंड राज्य ऐसे कई निर्जन गांव है जोकि आपदा प्रभावितों के लिए उम्मीद की किरण बन सकते हैं। बता दें कि राज्य प्राकृतिक आपदाओं की दृष्टि से बेहद ही संवेदनशील है और आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के लिए राज्य में निर्जन गांवो को उम्मीद के रूप में देखा जा रहा है। निर्जन गांवों की भूमि प्रभावितों के पुनर्वास के लिए उपयोग में लाई जा सकती है। इससे प्रदेश में दो-दो लाभ होंगे पहला लाभ निर्जन गांव आबाद होंगे और वहीं दूसरी तरफ आपदा प्रभावितों को रहने के लिए भूमि मिल जाएगी। ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एसएस नेगी के अनुसार आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के लिए यह एक बेहतर विकल्प हो सकता है। उत्तराखंड राज्य में पुनर्वास के रास्ते में सबसे बड़ा रोड़ा लैंड बैंक का ना होना है मगर निर्जन गांवों को प्रभावितों के पुनर्वास के लिए उपयोग में लाया जा सकता है। वही निर्जन गांव में जंगल की शक्ल अख्तियार कर रहे खेतों में फिर से फसलें लहलहाएंगी और पुनर्वास के लिए भूमि की कमी भी दूर हो जाएगी। बता दें कि राज्य के अलग-अलग जिलों में कई ऐसे गांव हैं जो कि निर्जन है पौड़ी में 517 ऐसे गांव हैं जो कि निर्जन है और वही अल्मोड़ा में 162, बागेश्वर में 142 इसी तरह अन्य जिलों के गांवों को मिलाकर ऐसे 1702 गांव हैं जो कि निर्जन हो चुके हैं।