
उत्तराखंड राज्य में सरकार द्वारा देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून बनाया गया है और अब प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल करना बिल्कुल भी आसान नहीं होगा। राजभवन द्वारा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नकल विरोधी कानून को मंजूरी दे दी गई है तथा इसमें उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है। गैरसैंण में मार्च में हुए बजट सत्र में सरकार उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा विधेयक- 2023 लाई थी और इस विधेयक का करीब एक महीने तक कानूनी परीक्षण करने के बाद राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने इसे मंजूरी दे दी है। जल्द ही इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी जाएगी। सचिव राज्यपाल रविनाथ रमन द्वारा बताया गया कि राज्यपाल की अनुमति के बाद विधेयक को विधायी विभाग में भेज दिया गया है। पहली बार नकल करने का दोषी पाए जाने वाले अभ्यर्थी को 3 साल की कैद और ₹5,00,000 तक का जुर्माना इस कानून के अंतर्गत तय किया गया है और दूसरी बार पकड़े जाने पर 10 साल की कैद तथा ₹10,00,000 तक का जुर्माना तय है वहीं संगठित अपराध की दिशा में उम्रकैद और 10 करोड़ रूपए तक का जुर्माना अपराधी को देना होगा। इसे राजभवन द्वारा मंजूरी दे दी गई है और जल्द ही इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी जाएगी।
