
देहरादून| भाजपा ने 70 में से 23 विधानसभा सीटों पर हार का सामना किया| अब इसकी समीक्षा के लिए वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारी सौंप दी है| यह नेता 1 अप्रैल को विधानसभा क्षेत्रों की रिपोर्ट प्रदेश नेतृत्व को सौंपेंगे| विधानसभा चुनाव में भाजपा को दो तिहाई बहुमत प्राप्त हुआ है| परंतु पार्टी ये जानने की भी कोशिश कर रही है कि बाकी सीटों पर हार के क्या क्या वजह रही? प्रत्याशी चयन से लेकर स्थानीय नेताओं की भूमिका को लेकर इस पर रिपोर्ट बनाई जाएगी| इसके अलावा बागियों के मैदान में खड़े होने से क्या असर पड़ा इसकी भी पड़ताल की जाएगी| भाजपा ने प्रदेश महामंत्री सुरेश भट्ट, कुलदीप कुमार के साथ पुष्कर काला, विनय रुहेला, डॉक्टर देवेंद्र भसीन, देवेंद्र बिष्ट, अनिल गोयल ,मयंक गुप्ता, सुरेश जोशी, बलवंत सिंह, खिलेंद्र चौधरी, बलराज पासी और केदार जोशी को इसकी जिम्मेदारी दी है| यह सभी 29 मार्च से संबंधित विधानसभा क्षेत्रों में प्रवास करेंगे और स्थानीय नेताओं से बातचीत के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार करेंगे| पहले इस रिपोर्ट की समीक्षा भाजपा टोली बैठक करेगी और बाद में राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएस संतोष करेंगे बीएस संतोष अप्रैल के पहले हफ्ते उत्तराखंड के दौर पर भी आ रहे हैं|
बताते चलें कि उत्तराखंड में भाजपा जिन 23 विस क्षेत्रों से हारी है उनमें सबसे चर्चित सीट खटीमा है यहां से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं लड़ रहे थे| यहां तक कि पिरान कलियर में पार्टी प्रत्याशी की जमानत तक जब्त हो गई थी और कुछ सीटों पर तीसरे नंबर पर तक रही इसकी क्या वजह रही इन्हीं बिंदुओं की पड़ताल शुरू होने जा रही है| भितरघात करने वालों पर कार्यवाही करने की भी जानकारी प्राप्त हुई है|
भाजपा के प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने कहा ‘प्रदेश नेतृत्व में ऐसी सभी विधानसभा सीटों की समीक्षा करने का फैसला लिया है जहां पार्टी प्रत्याशियों को हार का मुंह देखना पड़ा है| वरिष्ठ नेताओं को यह जिम्मेदारी दी गई है संबंधित नेताओं से 1 अप्रैल तक यह रिपोर्ट मांगी गई है|’
