
बारिश ना होने के कारण उत्तराखंड राज्य में भीषण गर्मी बढ़ गई हैं जिसके कारण राज्य में बिजली की खपत भी अधिक मात्रा में हो रही है और इसीलिए खपत बढ़ने और उपलब्धता के कम होने के कारण कई घंटों तक बिजली की कटौती हो रही है।बता दें कि बिजली कटौती की अधिक समस्या ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को झेलनी पड़ रही है। गांव के क्षेत्रों में 5 से 8 घंटे तक बिजली कटौती की जा रही है। राज्य की जल विद्युत परियोजना में उत्पादन घटने तथा बाजार में पर्याप्त मात्रा में बिजली ना मिल पाने के कारण चिंता और अधिक बढ़ गई है। गर्मी बढ़ने के साथ-साथ राज्य में बिजली की समस्या भी बढ़ रही है। जहां एक तरफ राज्य में प्रतिदिन बिजली की खपत 42 से 44 मिलियन यूनिट तक होती है वही उपलब्धता केवल 38 मिलियन यूनिट से भी कम है। बता दें कि राज्य में पंतनगर और ज्वालापुर स्थित औद्योगिक क्षेत्रों को 6- 6 घंटे की विद्युत कटौती झेलनी पड़ रही है। अगर हम 19 अप्रैल 2022 की बात करें तो उस दिन विद्युत की कुल मांग 43.90 मिलियन यूनिट रही मगर उपलब्धता केवल 38.10 मिलियन यूनिट और कमी 5.80 मिलियन यूनिट की रही। कुल उत्पादन 13.59 मिलियन यूनिट और केंद्रीय पूल से आवंटित कोटे की बिजली 15.49 मिलियन यूनिट।
