वर्तमान समय में मंडी में आलू की काफी डिमांड हो रही है और मंडी से आलू की खूब बिक्री भी हो रही है। लेकिन मैदानी आलू के कारण पहाड़ी आलू की बिक्री घट चुकी है। बता दें कि मैदानी क्षेत्र के कोल्ड स्टोरेज से आ रहे आलू ने पर्वतीय क्षेत्र के जैविक आलू की मिठास को कम कर दिया है। मैदानी क्षेत्र से आ रहा आलू पर्वतीय आलू की अपेक्षा सस्ता है जिस कारण इसकी डिमांड मंडी में अधिक है और पर्वतीय आलू की मांग ऐसे में घट गई है जिससे किसानों को नुकसान झेलना पड़ रहा है।
बता दे कि कोल्ड स्टोरेज में रखा आलू ही मंडियों में आ रहा है जबकि पर्वतीय क्षेत्र का आलू कोल्ड स्टोरेज में नहीं रखा जाता वह पूर्ण जैविक तरीके से उगाया जाता है इसलिए उसकी कीमत भी अधिक होती है और यह खाने में भी स्वादिष्ट होता है लेकिन मैदानी आलू सस्ता होने के कारण लोग उसे ही खरीदना पसंद कर रहे हैं जिससे पर्वतीय क्षेत्र के आलू को नुकसान हो रहा है। दुकानदार भी मैदानी आलू को पर्वतीय बताकर बेच रहे हैं जिससे उन्हें मुनाफा हो रहा है।