उत्तराखंड राज्य में सरकारी कर्मचारियों के लिए एक चिंताजनक खबर सामने आई है। बता दें कि राज्य में पेंशन लाभ के लिए सरकारी सेवाओं की गणना सरकारी कर्मचारियों की इन बातों पर तय होने जा रही है। उत्तराखंड सरकार की ओर से सरकारी कर्मचारियों के पेंशन को लेकर नए नियम बनाए गए हैं। नए नियम के तहत सरकारी कर्मचारियों की पेंशन पर कट लग सकता है। पेंशन लाभ के लिए अर्हकारी सेवाओं की गणना कर्मचारी की मौलिक नियुक्ति की तारीख से मान्य होगी। पूर्व में तदर्थ संविदा और आउटसोर्स दैनिक आधार पर की गई सेवाओं को इससे नहीं जोड़ा जाएगा। इस व्यवस्था को जीओ के जरिए जल्द ही कानूनी रूप मिलने जा रहा है। सरकार ने पेंशन को लेकर पास किए उत्तराखंड पेंशन हेतु अर्हकारी सेवा तथा विधिमान्यकरण विधेयक 2022 के लागू होने पर यह व्यवस्था पिछले आदेशों पर भी लागू कर दी है। इस विधेयक का परीक्षण राजभवन कर रहा है। यह विधेयक बजट सत्र में पारित हुआ। राजभवन ने वित्त विभाग के विधेयक को लेकर कुछ पुरानी जीओ भी मांगे हैं और जल्द ही इस विधेयक के पास होने की उम्मीद जताई जा रही है और करीब 1500 कर्मचारी इस नियम से प्रभावित हो सकते हैं। बता देगी कुछ वर्षों से लोनिवि, सिंचाई समेत कुछ विभागों में अस्थायी से स्थायी हुए कर्मचारियों ने पूर्व की सेवाओं के आधार पर पेंशन का लाभ देने की मांग की थी। पेंशन के लाभ के लिए कम से कम 10 साल की नियमित सेवा अनिवार्य है लेकिन तीन-चार साल की स्थायी सेवा वाले कार्मिकों ने अपनी पूर्व की 10 से 15 साल के अस्थायी सेवाओं को भी पेंशन के लिए जोड़ने की मांग की। इस मामले में अब यह नया नियम बनाया गया है।
Recent Posts
- Uttarakhand:- प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा मसूरी के इन होटलो में लगाया गया 8.30 करोड़ का जुर्माना
- बागेश्वर:- कामन रिव्यू मिशन दल ने अपने चार दिवसीय दौरे पर जनपद के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों का किया भौतिक सत्यापन
- Uttarakhand:- निगम को फिर लगा बड़ा झटका….. पढ़ें पूरी खबर
- Uttarakhand:- प्राधिकरण का गठन कर अगले वर्ष की यात्रा हेतु तैयारियों में जुटने के सीएम द्वारा दिए गए निर्देश
- अल्मोड़ा:- सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय में चलाया गया विधिक जागरूकता अभियान