उत्तराखंड -: अब विधानसभा में 2016 से पहले के कर्मियों को लग सकता है बड़ा झटका, पढ़ें पूरी खबर

देहरादून| वर्ष 2016 से पहले विधानसभा सचिवालय में नियुक्त कार्मिकों को झटका लग सकता है|


इंटरनेट मिडिया में चल रही चर्चा के अनुसार, हाईकोर्ट में चल रहे मामले और कोटिया कमेटी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए महाधिवक्ता ने इन कार्मिकों के नियमितीकरण के संबंध में विधिक राय देने में असमर्थता जताई है| दूसरी ओर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने ऐसी कोई जानकारी होने से इनकार किया है| मामले पर उन्होंने कहा कि यदि महाधिवक्ता ने कुछ कहा होता या फिर राय देने या न देने के संबंध में सरकार को कोई पत्र लिखा होता उन्हें भी इसकी प्रतिलिपि मिलती|
बताते चलें कि विधानसभा में बैक डोर भर्ती का मामला तूल पकड़ने के बाद पिछले वर्ष विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा में हुई भर्तियों की जांच के लिए सेवानिवृत्त आईएएस डीके कोटिया के अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया| कोटिया कमेटी ने विधानसभा में हुई तदर्थ नियुक्तियां नियमों के तहत हुई या नहीं इस पर जांच की और फिर रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को सौंपी, जिसके बाद अध्यक्ष ने पिछले साल 23 सितंबर को वर्ष 2016 से 2021 तक हुई 228 तदर्थ नियुक्तियों को रद्द कर दिया और बाद में इन कर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया था| जिसके बाद कर्मचारी आंदोलित है| साथ ही यह प्रकरण हाईकोर्ट में भी विचाराधीन है| मांग उठ रही है कि विधानसभा सचिवालय में वर्ष 2001 से वर्ष 2016 तक भी नियुक्तियां तदर्थ रूप से हुई थी| जिनका बाद में नियमितीकरण कर दिया गया था| जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने महाधिवक्ता को वर्ष 2016 तक हुई नियुक्तियों के नियमितीकरण के संबंध में विधिक राय देने के लिए पत्र भेजा| शासन को भी इसकी प्रतिलिपि भेजी गई| जिस पर शासन ने भी महाधिवक्ता को पत्र लिखा था| इंटरनेट मीडिया में चल रही चर्चा के अनुसार अब इन भर्तियों के संबंध में भी कोई बड़ा निर्णय लिया जा सकता है|