उत्तराखंड के चमोली जनपद के द्रोणागिरी ग्राम तक पहुंचना अब पहले से भी आसान हो जाएगा सरकार द्वारा दूसरे चरण में द्रोणागिरी गांव के लिए ढाई किलोमीटर लंबी सड़क की मंजूरी दे दी गई है। दरअसल द्रोणागिरी गांव की अपनी पौराणिक मान्यता है कहा जाता है, कि जब रामायण के काल में लक्ष्मण को शक्ति लगी थी तब हनुमानजी उड़कर द्रोणागिरी गांव से संजीवनी पर्वत उठा कर ले गए थे जिसके कारण आज तक द्रोणागिरी गांव के लोग हनुमान जी की पूजा नही करते। उनका मानना है कि हनुमानजी उनके गांव से सबसे प्रसिद्ध पर्वत जिसे वह पूजते थे उसे उठाकर ले गए है।इसलिए आज तक वहां के लोग हनुमान जी को नही पूजते।
द्रोणागिरी गांव पहाड़ों से घिरा हुआ है तथा यहां थोड़ा दुर्गम स्थल है जिस कारण यहां सड़क निर्माण में कठिनाइयां होती है। यहां सड़क निर्माण के पहले चरण में वर्ष 2008 में 10 करोड़ 94 लाख रूपए की मंजूरी दी गई थी जिसका काम 2020 में पूरा हुआ। तथा अब यहां ढाई किलो मीटर लंबी सड़क निर्माण की मंजूरी दी गई है इस सड़क निर्माण का कार्य पूरा होते ही फिर सड़क से गांव की दूरी 4 किलोमीटर ही रह जाएगी लेकिन पहले यह दूरी 12 किलोमीटर थी। इस सड़क निर्माण से ना सिर्फ द्रोणागिरी बल्कि गरपक, कांगा,और वींग्र गांव को भी यातायात का लाभ मिलेगा।